UP: यमुना में प्रदूषण की गलत रिपोर्ट देने पर 2 अफसर सस्पेंड

punjabkesari.in Saturday, Nov 18, 2017 - 10:11 AM (IST)

इलाहाबादः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के गलत रिपोर्ट देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही 30 नवम्बर को इस मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है। बता दें यह आदेश न्यायमूर्ति अरूण टण्डन तथा न्यायमूर्ति राजीव जोशी की खण्डपीठ ने मधुमंगल शुक्ल की जनहित याचिका पर दिया है।

दरअसल हाईकोर्ट को मथुरा-वृन्दावन के यमुना नदी में प्रदूषण को लेकर विरोधाभाषी हलफनामा दाखिल करने पर मुख्य सचिव ने सहायक नगर आयुक्त व जल निगम के एक अभियंता को निलम्बित कर कार्यवाही किए जाने की जानकारी दी। कोर्ट ने बिना शोधन क्षमता के यमुना में गंदे नाले न गिरने का हलफनामा देने पर आपत्ति की थी और एडीजे से निरीक्षण रिपोर्ट मांगी थी।

रिपोर्ट आने पर कोर्ट ने गलत हलफनामा दाखिल करने पर मुख्य सचिव को अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही कर जानकारी देने का निर्देश दिया था। साथ ही पूछा था कि सरकार ने नालों को टैप कर एसटीपी की तरफ मोड़ने के आदेश का पालन कैसे होगा? जबकि गंदा पानी शोधन की क्षमता में एसटीपी ही नहीं है।

निगम ने एसटीपी के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है। माना जा रहा है कि अदालत के आदेश के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों पर गाज गिरनी तय है।