UP में सख्त हुए अफसर, नहीं चले किसानों के बहाने... इस जिले में पराली जलाने पर 13 लोगों पर ₹52,500 का जुर्माना

punjabkesari.in Thursday, Nov 13, 2025 - 06:09 PM (IST)

Kaushambi News: सुप्रीम कोर्ट के कड़े निर्देशों और सरकारी चेतावनियों के बावजूद उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में किसान पराली जलाने से नहीं रुक रहे हैं। जिले की तीनों तहसीलों- मंझनपुर, सिराथू और चायल में पराली जलाने की कई घटनाएं सामने आने के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए 13 किसानों पर ₹52,500 का जुर्माना लगाया है। प्रशासन की इस कार्रवाई से किसानों में हड़कंप मच गया है, जबकि अधिकारी इसे “वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम” बता रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद बढ़ी सख्ती
वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि खेतों में पराली जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। इसके बाद शासन ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर किसानों को रोकने और सख्त कार्रवाई करने को कहा था। इन निर्देशों के पालन में कौशांबी प्रशासन ने सभी तहसीलों और थाना प्रभारियों को आदेश दिए थे कि उनके क्षेत्र में कोई भी किसान पराली न जलाए। बावजूद इसके कई किसान रात के अंधेरे में पराली जलाते पकड़े गए।

तीनों तहसीलों में कार्रवाई, किसानों को नोटिस
कौशांबी प्रशासन के मुताबिक, मंझनपुर तहसील में 6 किसान, सिराथू तहसील में 4 किसान, और चायल तहसील में 3 किसान पराली जलाते पाए गए। इन सभी पर प्रशासन ने क्षेत्रफल के आधार पर जुर्माना लगाते हुए चेतावनी दी है कि अगर दोबारा ऐसा हुआ तो और कठोर दंड दिया जाएगा।

खेत के क्षेत्रफल के हिसाब से तय हुआ जुर्माना
उप कृषि निदेशक सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि पराली जलाने के मामलों में जुर्माने की राशि खेत के आकार के अनुसार तय की गई है। 2 एकड़ से कम भूमि वाले किसान: ₹2,500, 2 से 5 एकड़ के बीच: ₹5,000, 5 एकड़ से अधिक: ₹15,000। इसी नियम के तहत जिले में कुल ₹52,500 का जुर्माना वसूला गया है।

किसानों को दी सख्त चेतावनी, निगरानी बढ़ाई गई
प्रशासन ने कहा है कि बार-बार चेतावनी के बावजूद जो किसान पराली जलाते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कृषि विभाग, पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीमें लगातार खेतों की निगरानी कर रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि पराली जलाने से न केवल वायु प्रदूषण बढ़ता है बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता और जैविक जीवन पर भी गंभीर असर पड़ता है।


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Content Editor

Mamta Yadav

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