UP: बंद पड़ी इकाइयां बढ़ा रही है यूपी में बिजली संकट, प्रचंड गर्मी से गांव से शहर तक बुरा हाल

punjabkesari.in Thursday, Apr 28, 2022 - 04:11 PM (IST)

लखनऊ: भीषण गर्मी के कारण बिजली मांग में उत्तरोत्तर बढ़ोत्तरी के बीच विद्युत उत्पादन गृहों की कुछ इकाइयों में आयी खराबी उत्तर प्रदेश में जारी बिजली संकट में इजाफा कर रही है। हरदुआगंज, बारा और मेजा ताप विद्युत गृहों में कुछ इकाइयों के तकनीकी कारणों से बंद रहने का असर भीषण गर्मी में बढ़ी विद्युत मांग के चलते साफ दिखायी दे रहा है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने अधिकारियों को हिदायत दी है कि स्थानीय गड़बड़ियों के कारण बाधित होने वाली विद्युत आपूर्ति पर कड़ी नजर रखें और उपभोक्ताओं की समस्यायों के त्वरित निस्तारण की व्यवस्था करें। गली चौराहों में लटके बिजली के तारों को हटाया जाये और शत प्रतिशत मीटर लगाने का लक्ष्य जल्द हासिल करें। इंजीनियर अपने मोबाइल फोन को हमेशा चालू रखें।

उन्होंने कहा कि राज्य की की कुछ विद्युत उत्पादन इकाइयां तकनीकी कारणों से कई सप्ताह से बंद हैं। जिनमें हरदुआगंज 660 मेगावाट, मेजा 660 मेगावाट और बारा की 660 मेगावाट की इकाई शामिल है। इसके अलावा हरदुआगंज में 605 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाली इकाई भी आँधी के कारण क्षतिग्रस्त है। बंद पड़ी इकाइयों को ठीक करमहत्तम आपूर्ति के प्रयास युद्ध स्तर पर जारी हैं।

शर्मा ने कहा कि राज्य की विद्युत उत्पादन क्षमता का एक तिहाई हिस्सा क्षतिग्रस्त होने के बावजूद और गर्मी के कारण विद्युत की मांग अतिशय बढ़ने के बावजूद विद्युत आपूर्ति बनाए रखने के लिए विद्युत कर्मी से लेकर उच्च स्तर पर कार्य हो रहा है। उपभोक्ताओं से धैर्य बनाए रखने की अपील करते हुये उन्होने कहा कि जर्जर एवं लटकते हुए बिजली के तारविद्युत आपूर्ति में भी बाधक हैं। आंधी के समय इनके आपस में लड़ने के कारण कई जगह समस्या पैदा होती है। इन्हें व्यवस्थित करने का कार्य शुरू किया गया है।

बिजली लोड ज़्यादा होने के कारण ट्रांसफ़ॉर्मर, सब सेंटर या फ़ीडर स्तर पर आए दिन समस्याएँ खड़ी होती हैं। एक तरफ़ उनका प्रिवेंटिव मेंटेनन्स तो दूसरी तरफ़ क्षमता वृद्धि का कार्य पुरज़ोर ढंग से शुरू किया है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता अपने क्षेत्र की बिजली समस्यायों के बारे में संबधित सब स्टेशन को सूचित करें और उसे ठीक करने आने वाले बिजली कर्मचारियों को सहयोग प्रदान करें।


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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