बांटो और राज करो की नीति पर चल रही है यूपी की नौकरशाही: BJP विधायक

punjabkesari.in Wednesday, Dec 18, 2019 - 07:25 PM (IST)

लखनऊः भाजपा विधायक हर्षवर्धन बाजपेई ने उत्तर प्रदेश की नौकरशाही पर बांटों और राज करो की नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि यह अच्छी बात है कि अधिकारियों के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सभी पार्टियों के विधायकों ने एकजुटता दिखाई। प्रयागराज (उत्तरी सीट) से भाजपा विधायक बाजपेई ने संवाददाताओं से कहा कि चाहे कोई भी सरकार रही हो अधिकारियों का बर्ताव खराब ही रहा है।

उन्होंने कहा "अधिकारी बांटो और राज करो की नीति पर काम कर रहे हैं। हम भले ही कल विधायक न रहें लेकिन अधिकारी सेवानिवृत्ति तक कुर्सी पर रहेंगे। उनकी यह सोच भ्रष्टाचार के रूप में कैंसर की तरह फैली हुई है। अधिकारियों ने मान लिया है कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। उस सोच के खिलाफ हमने उंगली उठाई है।'' बाजपेई ने कहा यह अच्छी बात है कि अधिकारियों के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सभी पार्टियों के विधायकों ने दलगत भावना से ऊपर उठकर एकजुटता दिखाई। भाजपा विधायक ने कहा "यह लड़ाई सपा, बसपा या कांग्रेस के खिलाफ नहीं है और ना ही हम अपनी सरकार के विरुद्ध हैं। यह उन अधिकारियों के खिलाफ है जो कोई भी सरकार रहे, खुद को जिम्मेदार कुर्सियों पर पाते हैं और पद का दुरुपयोग करते हैं, इसीलिए इस मुद्दे पर सभी पार्टियों के विधायक एकजुट दिखे।''

इस सवाल पर कि कल जब सभी विधायक भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी बात रखना चाहते थे तो उन्हें मौका क्यों नहीं दिया, बाजपेई ने कहा "कल मामला शायद सदन द्वारा मिस मैनेज हुआ। शायद तभी यह सब हुआ। अगर उस समय बात अच्छे से रख दी जाती तो यह सब नहीं होता। मगर यह लोकतंत्र है। कभी-कभी हम भी गलती करते हैं। जब हमने बात को मजबूती से रखा तो उसको माना गया। आज पीड़ित विधायक को अपनी बात रखने का मौका मिला।'' उन्होंने कहा, ‘‘आज मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों को बातचीत के लिए बुलाया है। हम सारी बातें उनके सामने रखेंगे।''

इस बीच राज्य सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बुधवार को मंत्रियों को छोड़कर बाकी सभी भाजपा विधायकों को अलग-अलग समूहों में बातचीत के लिए बुलाया है। मालूम हो कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी से मारपीट के मामले में नामजद और पार्टी से कारण बताओ नोटिस पाने वाले भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर को मंगलवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में नहीं बोलने दिए जाने से नाराज सत्ता पक्ष के कुछ सदस्य और विपक्ष के विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया था। नारेबाजी में भाजपा के 100 से अधिक विधायक शामिल थे। इसकी वजह से सदन की बैठक दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी थी।









 


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Tamanna Bhardwaj

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