Neet में UP की बेटी का कमाल, ऑल इंडिया टॉपर के बराबर अंक लाकर भी दूसरे स्थान पर हैं आकांक्षा, जानें

punjabkesari.in Saturday, Oct 17, 2020 - 05:34 PM (IST)

यूपी डेस्क: देश के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए हुई नीट परीक्षा में कुशीनगर की बेटी आकांक्षा ने शत प्रतिशत नंबर हासिल कर जिला और प्रदेश के साथ अपने परिवार का नाम रोशन किया है। इसके साथ ही प्रतिष्ठित टॉपरों में दूसरे स्थान पर रहकर यूपी में टॉप पर भी अपना नाम दर्ज करा लिया है।


आकांक्षा को 720 में 720 अंक मिले, जो कि एक रिकॉर्ड
बता दें कि बेटी आकांक्षा ने नीट-2020 की परीक्षा में आल इंडिया रैंक में दूसरा स्थान हासिल किया है। उसे 720 में 720 अंक मिले जो कि एक रिकॉर्ड है। इसके साथ ही वह यूपी की टॉपर भी बन गई हैं। आकांक्षा के पिता भारतीय वायुसेना के रिटायर्ड सार्जेंट हैं। उनकी मां रुचि सिंह गांव पर ही प्राथमिक स्‍कूल की टीचर हैं। बेटी की इस कामयाबी से वे दोनों बेहद खुश हैं। शुक्रवार को रिजल्‍ट आने के बाद उन्‍होंने अपने पूरे गांव में मिठाई बांटकर इस खुशी का इजहार किया।

इस बजह से ऑल इंडिया टॉपर बनने से चूकि आकांक्षा
परीक्षा का परिणाम आज नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा घोषित किए गया है। जिसमें ओडिशा के शोएब आफताब इंटरनेशनल टॉपर रहे हैं। फिलहाल आकांक्षा और शोएब दोनों को 720 में 720 मिले लेकिन शोएब की उम्र अधिक होने से उन्हें टॉपर घोषित किया गया।

आखिर ऐसा क्यों हुआ?
इसका जवाब है NEET परीक्षा को संचालित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ( NTA) की टाई ब्रेकिंग पॉलिसी है। जब दो विद्यार्थियों के नंबर समान हो तो यह इसका चुनाव करती है। एनटीए टाई ब्रेकिंग की स्थिति में टॉपर का निर्धारण करने के लिए उम्र, विषयवार मिले नंबर और गलत उत्तरों की संख्या को ध्यान में रखता है। 

एनटीए की टाई ब्रेकिंग पॉलिसी का विस्तार
एक अधिकारी ने एनटीए की टाई ब्रेकिंग पॉलिसी को विस्तार से समझाते हुए कहा, 'परीक्षार्थी की रैंकिंग का निर्धारण सबसे पहले जीव विज्ञान और रसायन शास्त्र में मिलने वाले नंबरों के आधार पर होता है, लेकिन अगर इस स्थिति में भी रैकिंग का निर्धारण नहीं हो पाता है तो गलत सवालों के जवाब को ध्यान में रखकर रैंकिंग बनाई जाती है। इसके बाद उम्र के आधार पर रैंकिंग का निर्धारण होता है, यहां जिसकी उम्र ज्यादा होती है उसे प्राथमिकता दी जाती है।'

 

 

Umakant yadav