69000 Teacher Recruitment Case: आरक्षण के लाभ के साथ जारी होगी नई सूची, सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगी UP की योगी सरकार
punjabkesari.in Wednesday, Aug 21, 2024 - 08:55 AM (IST)
69000 Teacher Recruitment Case: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले में अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं देगी। इसके साथ ही किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
'किसी भी अभ्यर्थी के साथ नहीं होने दिया जाएगा अन्याय'
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए तैयार की जाने वाली नई सूची में आरक्षण के पात्र सभी अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ मिलना सुनिश्चित हो और अन्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय भी ना हो। उत्तर प्रदेश में सहायक अध्यापक भर्ती को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते रविवार को कहा कि सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान सम्मत आरक्षण सुविधा का लाभ आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को मिले और किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग को उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी और उच्च न्यायालय के फैसले के आलोक में कार्रवाई करने को कहा।
'आरक्षण सुविधा का लाभ आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को मिलना चाहिए'
राज्य सरकार द्वारा यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि 69,000 सहायक अध्यापकों के मामले में बेसिक शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को न्यायालय के फैसले के सभी तथ्यों से अवगत कराया। इस पर मुख्यमंत्री ने उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी और उच्च न्यायालय के फैसले के आलोक में कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण सुविधा का लाभ आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को मिलना चाहिए और किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।
इलाहाबाद HC ने यूपी सरकार को 3 महीने के भीतर नई चयन सूची तैयार करने का दिया है निर्देश
आपको बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को तीन महीने के भीतर 69,000 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए नई चयन सूची तैयार करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी उन चयन सूचियों को रद्द कर दिया, जिनमें आरक्षित श्रेणियों के 6,800 अभ्यर्थी शामिल थे। ताजा आदेश 16 अगस्त को अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किया गया। पीठ ने पहले के आदेश को भी संशोधित किया और कहा कि आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी जो सामान्य श्रेणी की मेरिट सूची में अर्हता प्राप्त करते हैं उन्हें उस श्रेणी में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।