न्यायालयों और सरकारी दफ्तरों की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश सिक्योरिटी फोर्स गठित

punjabkesari.in Thursday, Jul 30, 2020 - 05:22 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को पेशेवर बनाने के लिए राज्य सरकार ने अलग से एक सुरक्षाबल गठित करने का फैसला किया है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित यह 'उत्तर प्रदेश सिक्योरिटी फोर्स' आला दर्जे की व्यावसायिक दक्षता के जरिए सुरक्षा संबंधी कार्यों को अंजाम देगी और इसमें अपने व्यावसायिक कौशल से प्रदेश के लिए आमदनी जुटाने की क्षमता भी होगी।

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अन्य राज्यों में गठित बल की तरह इस बल में भी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा संबंधी जरूरतों के मद्देनजर खास तौर से प्रशिक्षित कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि किसी निकाय या किसी व्यक्ति अथवा राज्य सरकार द्वारा किसी नाम-नामावली या श्रेणी के जरिए अधिसूचित उनके आवासीय परिसर, इलाहाबाद उच्च न्यायालय और उसकी लखनऊ खंडपीठ और जिला अदालतों के हिफाजती बंदोबस्त की जिम्मेदारी अब ‘उत्तर प्रदेश सिक्योरिटी फोर्स' की होगी।

इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित कोई अन्य न्यायालय, प्रशासनिक कार्यालय परिसर, पूजा स्थलों, मेट्रो रेल, हवाईअड्डा, बैंक शाखाओं तथा अन्य वित्तीय संस्थाओं, औद्योगिक उपक्रमों और राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित कोई अन्य प्रतिष्ठान, अधिष्ठान तथा महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उत्तर प्रदेश सिक्योरिटी फोर्स की होगी।

अवस्थी ने विश्वास व्यक्त किया कि इस नए बल के गठन से महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बेहतर ढंग से हो सकेगी, वहीं अभी तक इस काम के लिए तैनात किए जाने वाले पुलिस और पीएसी बल को इस नए बल के गठन के बाद राज्य की कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने तथा अपराध की स्थिति पर नियंत्रण करने में मदद भी मिलेगी। उन्होंने बताया कि पहले चरण में इस विशेष सुरक्षाबल की पांच वाहिनी गठित की जाएंगी, जिनके लिए शुरुआती स्तर पर पीएसी वाहिनियों के परिसर तथा भवनों को प्रयोग किया जाएगा।

इस बल के लिए इस साल अनुपूरक बजट में प्रावधान कराया जाएगा और अगले वित्त वर्ष में बजट प्रावधान की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र और ओडिशा आदि राज्यों में सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालय, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान, वित्तीय संस्थान, धार्मिक संस्थान, शैक्षणिक, सांस्कृतिक और चिकित्सा संस्थानों की सुरक्षा के लिए इसी तरह के एक विशेष बल व्यवस्था की गई है।

Ajay kumar