यूपी: विशेष सत्र ने दी भाजपा को मुस्कराने की वजह
punjabkesari.in Friday, Oct 04, 2019 - 09:10 AM (IST)
लखनऊ: विकास पर चर्चा के लिये बुलाये गये उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा के विशेष सत्र ने विपक्षी दलों में उपजे असंतोष की कलई खोल दी है वहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मुस्कराने की वजह दे दी है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर सूबे की योगी सरकार ने 36 घंटे के विशेष सत्र का आवाहन किया था। राज्य के विकास पर चर्चा के लिये बुलाये गये इस सत्र को पाखंड बताते हुये कांग्रेस,समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने बहिष्कार किया। विपक्ष के बगैर सदन की कार्यवाही न सिफर् सरकार को अखर रही थी बल्कि आम जनों के बीच भी यह चर्चा का विषय बन गयी थी। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के बहिष्कार को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था लेकिन बुधवार की शाम सत्ताधारी दल के लिये सुकून लेकर आयी जब कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने सदन में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।
इस बीच सपा सदस्य नितिन अग्रवाल पाटर्ी लाइन से हटकर विपक्ष की बैंच पर विराजमान हो गये। विशेष सत्र के दूसरे और अंतिम दिन प्रगतिशील समाजवादी पाटर्ी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल सिंह सादव ने बतौर सपा सदस्य सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया वहीं बसपा विधायक अनिल सिंह तथा असलम रायनी ने सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ में कसीदे गढकर विपक्ष के मंसूबों पर कुठाराघात किया।
सिंह ने सदन में कहा कि बसपा अपने उद्देश्यों से भटक गई है। उन जैसे विधायकों की पार्टी में कोई कद्र नहीं है। उन्नाव की पुरवा सीट से बसपा विधायक ने कहा जिस तरह पुत्र को पिता की जरुरत होती है, वैसे ही देश को नरेंद्र मोदी तथा योगी आदित्यनाथ की जरुरत है। उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास कार्यो की जानकारी देने के साथ पूर्ववर्ती सरकारों को जन विरोधी करार दिया। भावनाओं के ज्वार में डूबे बसपा विधायक ने कहा कि यदि लोकसभा चुनाव में मोदी की विजय नहीं होती तो वे अपने पद से इस्तीफा देने का मन बना चुके थे।
उधर विधान परिषद में बसपा सदस्य ब्रजेश सिंह‘प्रिंसू'ने कहा कि गांधी जी के नाम पर सत्र ऐतिहासिक है। वाकआउट के लिए पार्टी के कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है। इससे पहले प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार ने कुछ अच्छे काम किये हैं। सत्ता की कमान ईमानदार और कर्मठ मुख्यमंत्री के हाथों पर है लेकिन कानून व्यवस्था के मसले पर अभी काफी कुछ करना बाकी है। इस मामले में पुलिस प्रशासन के पेंच कसने की जरूरत है। सरकार को उनके विधानसभा क्षेत्र के विकास और समस्यायों के बारे में गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।
यहां दिलचस्प है कि सपा ने पिछले महीने शिवपाल यादव की सदस्यता रद्द करने के लिये पत्र दिया था। हालांकि बाद में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल के प्रति नरम रूख अपनाते हुये उन्हे अपरोक्ष रूप से पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था। शिवपाल यादव के अलावा हरदोई के सपा विधायक नितिन अग्रवाल ने भी विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि विकास के एजेंडे के साथ बुलाये गये सत्र में विपक्ष को भाग लेना चाहिये। जनता के हित की चर्चा में भाग न लेना दुर्भाग्यपूर्ण है। इन दलों को पिछले दो चुनावों में जनता सबक सिखा चुकी है।
रायबरेली की कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने बुधवार रात सदन की कार्यवाही में भाग लेकर सबको चौंका दिया था। सुश्री सिंह ने कहा था कि वह अच्छी तरह जानती हैं कि वे क्या कर रही हैं। वो एक पढ़ी लिखी महिला है और सब कुछ समझ कर ही कर रही हैं । पार्टी लाईन से अलग होकर ही उन्होंने जम्मू कश्मीर सें धारा 370 हटाये जाने का समर्थन किया था क्योंकि वो देश के हित में है । पार्टी आलाकमान यदि इस बारे में उनके खिलाफ कोई कारर्वाई करता है तो वे उसके लिये भी तैयार हैं।