UP: ऑनलाइन शिक्षा से वंचित विद्यार्थियों के लिए प्रशिक्षु IAS ने की ये पहल

punjabkesari.in Sunday, Jun 21, 2020 - 02:27 PM (IST)

बहराइच: कोरोना महामारी के मद्देनजर स्कूल बंद होने के बीच स्मार्टफोन या बेहतर इंटरनेट नेटवर्क के अभाव के कारण आनलाइन शिक्षा से वंचित सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए बहराइच में तैनात एक प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी ने नयी पहल की है। बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश यादव ने रविवार को बताया कि प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी सूरज पटेल ने नयी पहल करते हुए ऑनलाइन पढ़ाई से महरूम बच्चों को बेसिक शिक्षा विभाग के माध्यम से उन्हें घर पर ही शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराकर पढ़ाई के इंतजाम कराए हैं।

ऑनलाइन शिक्षा से वंचित हैं गरीब बच्चे
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान सभी सरकारी तथा गैर-सरकारी स्कूल बंद हैं। सरकारी स्कूलों के बच्चों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ई-पाठशाला के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा देने की शुरुआत की गई है। शिक्षक-शिक्षिकाओं ने ऑनलाइन कक्षाओं की शुरुआत की थी। इस दौरान यह मालूम चला कि सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे कई बच्चों के घरों में लैपटॉप, एंड्रायड या आई फोन तो क्या साधारण की-पैड फोन तक नहीं हैं। ऐसे में वे बच्चे ऑनलाइन शिक्षा से वंचित हैं।

सफलता मिलने पर अन्य जिलों में किया जाएगा लागू
यादव ने बताया कि बहराइच में संयुक्त मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी सूरज पटेल ने विभाग को सलाह दी कि ऐसे बच्चे जिनके घरों में स्मार्ट फोन या कम्प्यूटर, लैपटॉप नहीं है उन्हें छपी हुई शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षु आईएएस के सुझाव पर बेसिक शिक्षा विभाग ने इसे प्रायोगिक परियोजना के रूप में चित्तौड़ा विकास खंड में शुरू किया है। सफलता मिलने पर इसे जिले के अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जाएगा।

12 हजार बच्चे किए गए चिह्नित 
उन्होंने बताया कि विभाग के एकेडमिक रिसोर्स पर्संस द्वारा विकास खंड में 12 हजार ऐसे बच्चे चिह्नित किए गये जिनके घरों में स्मार्ट फोन या कम्प्यूटर, लैपटॉप नहीं हैं। स्मार्ट फोन से वंचित तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा के इन 12 हजार बच्चों को उनके घरों पर ही गणित तथा भाषा विषयों की छपी छपाई प्रश्नोत्तरी बनाकर शिक्षण सामग्री दी गयी है। जिन बच्चों के पास स्मार्ट फोन या कम्प्यूटर, लैपटाप हैं उन्हें यही प्रश्नोत्तरी ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई है।

अभिभावकों ने की सराहना
इस संबंध में प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी ने बताया कि शिक्षण सामग्री में ऐसे सवाल पूछे गये हैं जिनसे बच्चों को रटंत विद्या के बजाय व्यावहारिक ज्ञान मिले। पटेल ने कहा कि इस अभियान के माध्यम से कोशिश की जा रही है कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बावजूद बच्चों के शैक्षिक स्तर में कोई कमी न आने पाये। चित्तौड़ा विकास खंड के अभिभावकों ने प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी तथा बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा इस पहल की सराहना की है। साथ ही अभिभावकों ने अभियान में पूर्ण सहयोग देने का वादा भी किया है।

बच्चों में ही छिपा है देश का सुनहरा भविष्य
जिलाधिकारी शम्भू कुमार ने भी इसकी सराहना करते हुए शनिवार को कहा कि बच्चों में ही देश का सुनहरा भविष्य छिपा हुआ है। छोटी उम्र में अगर इन बच्चों को शिक्षा की बेहतर नींव मिल सके तो आगे चलकर यही बच्चे देश के लिए कुछ कर दिखाने में सक्षम होंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान सरकारी स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर है। कोविड-19 के खतरे जैसी विषम परिस्थिति में बच्चों को शिक्षा देने का यह प्रयोग निश्चय ही सराहनीय है।

 

 

Edited By

Umakant yadav