संसदीय कार्य राज्यमंत्री के आवास पर हंगामा, 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू

punjabkesari.in Thursday, Apr 08, 2021 - 04:59 PM (IST)

बलिया: उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल के आवास पर पिछले पांच अप्रैल को हुये हंगामे के मामले में लापरवाही बरतने पर 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी गई है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी।

पुलिस उपाधीक्षक (सदर) जगवीर सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को बताया कि संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल के आवास पर पिछले 5 अप्रैल को कुछ महिलाओं ने हमला और तोड़फोड़ की थी। उन्होंने बताया कि राज्य मंत्री की सुरक्षा में पुलिसकर्मी शत्रुघ्न, राजेश मौर्य, दुर्गा प्रसाद यादव, बिजेंद्र यादव, अभिषेक मिश्र, सोनू यादव, धर्मेंद्र कुमार, राजन पांडेय और सौदागर यादव तैनात थे। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया इन पुलिसकर्मियों द्वारा राज्य मंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरतना पाया गया है। उन्होंने बताया कि इस पर इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक से लिखित अनुरोध किया गया है।

चौहान ने पुलिस अधीक्षक को भेजे गए पत्र में उपरोक्त प्रकरण में मामला दर्ज कराये जाने का भी हवाला दिया गया है। इस बीच, संसदीय कार्य राज्य मंत्री शुक्ल के आवास पर हंगामा के मामले में आरोपित महिलाएं बृहस्पतिवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँची। उन्होंने पत्रकारों को पुलिस अधीक्षक को सम्बोधित पत्र की प्रति भी जारी की। बलिया शहर कोतवाली क्षेत्र के बनकटा मोहल्ले की निवासी रानी देवी ने पत्र में राज्य मंत्री शुक्ल और उनके सहयोगियों के साथ ही पुलिस पर भी बदसुलूकी का आरोप लगाया है। पत्र में कहा गया है कि महिलाएं बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत अपने बच्चों को दो साल से कोई सहायता नहीं दिए जाने की शिकायत लेकर राज्य मंत्री से मुलाकात करने गई थी।

इस दौरान शुक्ला अचानक उन पर भड़क गए और उनके साथियों ने महिलाओं को अपशब्द कहते हुए उन्हें बुरी तरह मारा पीटा। इसमें आरोप लगाया गया है कि मारे पीटे जाने से घायल हुई महिलाओं का न तो मेडिकल मुआयना कराया गया और न ही उनके पत्र पर अब तक कोई कार्रवाई ही की गई है। महिलाओं ने संसदीय कार्य राज्य मंत्री सहित अन्य आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है। हालांकि संसदीय कार्य राज्यमत्री ने महिलाओं द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को गलत ठहराया है।

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Umakant yadav