उत्तराखंड त्रासदीः जानिए क्या पड़ेगा उत्तर प्रदेश पर आपदा का असर

punjabkesari.in Monday, Feb 08, 2021 - 02:59 PM (IST)

प्रयागराजः देवभूमि उत्तराखंड की में हुए भीषण त्रासदी ने कई जिंदगियों को ले लिया। फलस्वरूप चल रहे पनबिजली प्रोजेक्ट पर भी विराम लग गया। उत्तराखंड से निकलने वाली ज्यादातर नदियां यूपी से होकर बहती हैं, जिसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी प्रदेश में अलर्ट का निर्देश जारी कर दिया है। वहीं संगमनगरी में माघ मेला चल रहा है। जिसमें हजारों श्रद्धालु बसे हैं और उत्तराखंड त्रासदी से खौफजदा हो गए हैं।

हरिद्वार से प्रयागराज पहुंचने में 7 दिन का लगता है समय 
ऐसे में यह सवाल मन में पैदा होना लाजमि है कि उत्तर प्रदेश में इस त्रासदी का क्या असर पड़ेगा। इस बाबत एक चैनल को इंटरव्यु देते हुए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग में बाढ़ नियंत्रण के प्रमुख अभियंता अशोक अशोक सिंह ने बताया कि आम तौर पर एक किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पानी बहता है, लेकिन बाढ़ के समय इसकी रफ्तार दूनी हो जाती है। हरिद्वार से प्रयागराज तक गंगा के पानी के पहुंचने में 7 दिन का समय लगता है। ऐसे में रविवार की रात या सोमवार की सुबह हरिद्वार से निकलने वाला पानी अगले रविवार या सोमवार तक प्रयागराज पहुंच सकता है।

UP में नहीं पड़ेगा आपदा का कोई असर 
सिंह ने बताया कि उत्तराखंड त्रासदी के असर को बहुत हद तक श्रीनगर में बने जीवीके पॉवर प्रोजेक्ट पर ही नियंत्रित कर लिया जाएगा। यहां 10-15 घंटे तक पानी को रोका जा सकता है। उसके बाद यदि पानी और आगे बढ़ता है तो हरिद्वार में उसे रोकने का पूरा इंतजाम है। हरिद्वार से चले पानी को पहले बिजनौर बैराज में और फिर बुलंदशहर के नरोरा बैराज में बने बांध पर नियंत्रित किया जा सकता है। उसके बाद भी यदि जरूरत पड़ी तो कानपुर बैराज में भी उसे नियंत्रित किया जा सकता है। ये कहा जा सकता है कि उत्तराखंड में आई बाढ़ का उत्तर प्रदेश के किसी भी हिस्से पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

सामान्य रहेगा नदी का जलस्तर 
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि नदी का जलस्तर जिस तरह से पहले चल रहा था वैसे ही चलता रहेगा। प्रयागराज तो बहुत दूर की बात है, हरिद्वार, बिजनौर और कानपुर में भी नदी के जलस्तर में कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिलेगा। बता दें कि हरिद्वार में गंगा नदी पर बाढ़ नियंत्रण का काम यूपी सिंचाई विभाग ही करता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि खतरा भले ही ना हो लेकिन सावधानी जरूरी है।

 

 

Content Writer

Moulshree Tripathi