वाराणसी फ्लाईओवर हादसा: बचाव एवं राहत कार्य पूरा, 15 मृतकों की हुई शिनाख्त

punjabkesari.in Wednesday, May 16, 2018 - 10:06 AM (IST)

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सिगरा क्षेत्र में कैंट रेलवे स्टेशन के निकट निर्माणाधीन फ्लाईओवर हादसे में बचाव एवं राहत का काम पूरा हो चुका है। एनडीआरएफ के डीआईजी आलोक कुमार सिंह ने बताया कि बचाव कार्य पूरा हो चुका है। बीम को क्रेन की मदद से हटाया जा चुका है। मलबे में दबे वाहनो को दोपहर तक हटाया जाएगा। भीड़भाड़ वाले इस क्षेत्र में निर्माणधीन पुल के दोनों ओर दीवार खडी की जाएगी। निर्माण कार्य फिलहाल स्थगित रहेगा। उन्होने कहा कि हादसे में 16 लोगों की मौत हुई है जबकि 8 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। बचाव दल ने मलबे से 3 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है। बताया जा रहा है कि मृतकों में 15 की शिनाख्त कर लिस्ट जारी कर दी गई है।

आधिकारिक तौर पर मृतकों की संख्या पर असमंजस बना हुआ है। मुख्य सचिव (सूचना) अवनीश अवस्थी ने मंगलवार रात 18 लोगों के मरने की पुष्टि की थी जबकि एनडीआरएफ के पुलिस उपमहानिरीक्षक ने हादसे में 16 लोगों की मौत की बात कही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक हादसे में घायल 2 लोगों ने देर रात उपचार के दौरान दम तोड़ दिया जिससे घटना में मरने वालों की तादाद बढकर 20 हो गई है। हादसे में घायल लोगों को बीएचयू ट्रामा सेंटर समेत अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। घायलों में 5 की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख और घायलों को 2-2 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मध्य रात्रि को घटनास्थल का दौरा किया और अधिकारियों से हादसे के कारणों की पड़ताल की। उन्होंने अस्पतालों में भर्ती घायलों का हालचाल जाना और पीडितों के परिजनो का सरकार की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

फ्लाईओवर के निर्माण में लापरवाही बरतने के आरोप में प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सेतु निर्माण निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक एचसी तिवारी, परियोजना प्रबंधक के एस सूदन, सहायक अभियंता राजेश सिंह व अवर अभियंता लाल चंद को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही इस मामले की जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की 3 सदस्यीय टीम गठित की गई है। कमेटी में कृषि उत्पादन आयुक्त आर पी सिंह, सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता भूपेन्द्र शर्मा और जल निगम के प्रबंध निदेशक राजेश मित्तल शामिल है।

योगी ने घटनास्थल पर मौजूद मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल से बीम के गिरने का कारण पूछा हालांकि अग्रवाल समेत अन्य अधिकारी मुख्यमंत्री के सवाल का जवाब नहीं दे सके। गौरतलब है कि पिछले दिनो वाराणसी दौरे पर आए मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन फ्लाईओवर का निरीक्षण किया था। उन्होंने सड़क के दोनों ओर बैरिकेडिंग करवाने का निर्देश देते हुए कहा था कि इस काम में लापरवाही नहीं की जानी चाहिए।

चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के विस्तारीकरण का शिलान्यास एक अक्टूबर 2015 में हुआ था। 1710 मीटर लंबे इस फ्लाईओवर का निर्माण कार्य 30 महीने में पूरा होना था। इस फ्लाईओवर के निर्माण की अनुमानित लागत 77.41 करोड़ रुपए है। विस्तारीकरण के तहत फ्लाईओवर में 63 पिलर बनने हैं जिनमे 45 पिलर बन कर तैयार हो चुके हैं। तय समय सीमा 30 जून तक काम पूरा नहीं हो सकने की संभावना के चलते सेतु निर्माण निगम समयावधि बढ़ाने की कोशिश कर रही है।

Anil Kapoor