वाराणसीः गंगा में मिली अमेरिका की अमेजन नदी में पाई जाने वाली खतरनाक कैटफिश

punjabkesari.in Sunday, Sep 27, 2020 - 03:51 PM (IST)

वाराणसीः गंगा नदी में यूं तो मछलियों की कई प्रजातियों के साथ लाखों जीव रहते हैं। मगर आश्चर्य की बात है कि अमेरिका की अमेजन नदी में पाई जाने वाली सकरमाउथ कैट फिश नामक एक और प्रजाति वाराणसी की गंगा में मिली है।

बता दें कि कैट फिश के गंगा में मिलने से बीएचयू के जंतु विज्ञानी बेहद चिंता में हैं। एक महीने के भीतर यह दूसरा मौका है जब गंगा में कैट फिश पाई गई है। इसके पीछे वजह ये है कि यह मछली गंगा की पारिस्थितिकी के लिए बेहद खतरनाक मानी जा रही है। यह 24 सितंबर को काशी के दक्षिण में रमना गांव के पास गंगा में मिली।

देहरादून के वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षित दर्शन निशाद इसे देखते ही पहचान गए। इस बार उन्होंने उसे जीवित अवस्था में बीएचयू के जंतु विज्ञानियों तक पहुंचाया। बीएचयू के जंतु विज्ञानियों ने इस मछली के कारण होने वाले पारिस्थितिकीय परिवर्तनों के बारे में पता लगाने का काम शुरू कर दिया गया है।

बीएचयू के जंतु विज्ञानी प्रो. बेचन लाल ने बताया कि यह जलीय पारिस्थितिकी में भयानक असंतुलन का कारण है। यह अपने से छोटी मछलियों ही नहीं बल्कि अन्य जलीय जीवों को भी खा जाती हैं। इस मछली का जंतु वैज्ञानिक नाम हाइपोस्टोमस प्लोकोस्टोमस है। विदेशों में इसे प्लैको नाम से भी जाना जाता है। देसी मछलियों को प्रजनन के लिए विशेष परिस्थिति की जरूरत होती है, लेकिन इनके साथ ऐसा नहीं है। ये मछलियां जल में किसी भी परिस्थिति में और कहीं भी प्रजनन कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि इन मछलियों को नदियों से समाप्त करना अब असंभव हो गया है। 

 

 

 


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Moulshree Tripathi

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