काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला सुरक्षित

punjabkesari.in Thursday, Sep 02, 2021 - 09:40 AM (IST)

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उन याचिकाओं पर अपना फैसला मंगलवार को सुरक्षित रख लिया जिसमें वाराणसी की एक अदालत के आठ अप्रैल, 2021 के निर्देश को चुनौती दी गई है। वाराणसी की अदालत ने आठ अप्रैल के अपने आदेश में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एक समग्र भौतिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है जिससे यह पता लगाया जा सके कि काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मस्जिद का निर्माण कराने के लिए एक मंदिर को ध्वस्त किया गया था। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद ने वाराणसी की अदालत के आदेश को चुनौती दी है। 

न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने इन याचिकाकर्ताओं के वकीलों, केंद्र सरकार और राज्य सरकार की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इससे पूर्व, याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने दलील दी थी कि वह याचिका जिस पर वाराणसी की अदालत ने आठ अप्रैल को आदेश पारित किया है, पूजास्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 की धारा 4 के तहत स्वयं में विचारणीय नहीं है क्योंकि यह धारा 15 अगस्त, 1947 को मौजूद किसी भी पूजास्थल की धार्मिक प्रकृति के परिवर्तन के संबंध में मुकदमा दायर करने या किसी अन्य कानूनी कार्यवाही से रोकती है। 

उन्होंने कहा कि 1991 के कानून के मुताबिक, 15 अगस्त, 1947 को मौजूद एक धार्मिक स्थल के संबंध में कोई दावा नहीं किया जा सकता है और न ही किसी धार्मिक स्थल की स्थिति में परिवर्तन के लिए राहत मांगी जा सकती है। याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने आगे अपनी दलील में कहा कि जब उच्च न्यायालय ने उक्त मुकदमे की विचारणीयता के मुद्दे पर अपना फैसला पहले ही सुरक्षित रख लिया है, निचली अदालत को उच्च न्यायालय का फैसला आने तक इस मामले में कोई आदेश नहीं पारित करना चाहिए था। 

Content Writer

Tamanna Bhardwaj