गोरखपुर में योगी समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

punjabkesari.in Thursday, Mar 02, 2017 - 10:22 AM (IST)

गोरखपुर:पूर्वी उत्तर प्रदेश की धड़कन कहे जाने वाले गोरखपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फायरब्रांड सांसद योगी आदित्यनाथ और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार में पूर्व मंत्री रहे हरिशंकर तिवारी समेत कई अन्य दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। राज्य विधानसभा चुनाव के छठे चरण में यहां 4 मार्च को वोट डाले जाएंगे। जिले की सभी 9 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा,समाजवादी पार्टी (सपा) और बसपा के बीच कड़ा मुकाबला है। वर्ष 2012 में हुए पिछले चुनाव में बसपा को 4, भाजपा को 3, सपा और एनसीपी को 1- 1 सीट मिली थी। प्रदेश के अन्य विधानसभा क्षेत्रों की तरह यहां का चुनाव भी दल-बदल और बागी उम्मीदवारों से प्रभावित होने की उम्मीद है। पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार के चुनाव में अनेक उम्मीदवारों के दल-बदल देने के कारण चुनावी समीकरण उलट गए हैं। 9 सीटों पर कुल 127 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है जिनकी किस्मत 34 लाख 32 हजार 793 मतदाता तय करेंगे।

युवा वर्ग कर रहा राणा राहुल सिंह के पक्ष में जनसम्पर्क
जिले के सर्वाधिक 23 उम्मीदवारों वाले गोरखपुर विधानसभा सीट के लिए हालांकि चुनाव प्रचार में किसी भी दल ने अब तक तेजी नही दिखाई है लेकिन भाजपा उम्मीदवार डॉक्टर राधामोहन दास अग्रवाल के पक्ष में मतदाताओं ने जरूर अपनी जुबान खोली है। डॉक्टर अग्रवाल गोरखपुर शहर विधानसभा से पिछला तीन चुनाव लगातार जीत चुके हैं और चौथी बार भी उन्हें जीत की उम्मीद है। डॉक्टर अग्रवाल गोरखपुर के भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ के खेमें से आते हैं। डॉक्टर अग्रवाल से मुकाबला कर रहे कॉग्रेस और सपा गठबंधन के उम्मीदवार राणा राहुल सिंह ने भी चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। उनके पक्ष में कई चुनावी सभाएं भी आयोजित हुई हैं। युवा वर्ग खास तौर से राणा राहुल सिंह के पक्ष में जनसम्पर्क कर रहा है। अन्य दलों के उम्मीदवार अपने-अपने ढंग से चुनाव प्रचार में लगे हैं लेकिन उन्हें भी जीत की उम्मीद कम है।

गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा सीट इस बार महत्वपूर्ण
जिले की गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा सीट इस बार महत्वपूर्ण हो गई है। इस सीट के लिए पिछले चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते विजय बहादुर यादव समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। यादव ने राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के समय भाजपा का दामन छोड़ दिया था। इस बार उनका मुकाबला भाजपा के विपिन सिंह से है। विपिन सिंह के लिए योगी ने अपने पूरी ताकत लगा दी है लेकिन इस सीट पर मुकाबले को बसपा के राजेष पाण्डेय ने त्रिकोणीय बना दिया है। पाण्डेय चुनावों की घोषणा से भी काफी पहले से इस क्षेत्र में लोगों के बीच अपनी पैठ बना रहे थे। टिकट मिलने के बाद सघन प्रचार अभियान के जरिए वह भाजपा और सपा दोनों ही दलों के उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

बसपा उम्मीदवार आफताब आलम ने शुरू कर दिया अपना प्रचार
पिपराइच विधानसभा सीट के लिए भी बसपा उम्मीदवार अन्य उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दे रहा है। अन्य दलों के टिकट आवंटन से पहले ही बसपा उम्मीदवार आफताब आलम ने अपना प्रचार शुरू कर दिया था। इस सीट से भाजपा के महेन्द्रपाल सिंह सैंथवार के लिए पार्टी द्वारा कड़ी मेहनत की जा रही है। मुकाबला इन्हीं दोनों उम्मीदवारों के बीच होता लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार अनिता जायसवाल के मैदान में आ जाने से इस सीट के लिए भी मुकाबला अब चतुष्कोणीय हो गया है क्योंकि सपा उम्मीदवार अमरेन्द्र निशाद भी अखिलेश यादव सरकार की उपलब्धियों का बखान कर मजबूती से मोर्चा संभाले हुए हैं। उधर, पूर्व मंत्री जितेन्द्र जायसवाल की पत्नी अनीता जायसवाल ने मुकाबले को रोचक बना दिया है। पिपराइच क्षेत्र के लोगों में जितेन्द्र जायसवाल की अच्छी पैठ है। वह इस चुनाव में प्रत्याशी होते लेकिन चुनाव की घोषणा होने से पहले ही उन्हें अदालत ने हत्या के एक मामले में सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया था।