VHP नहीं चाहती है कि श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो: सत्येन्द्र दास

punjabkesari.in Sunday, Oct 07, 2018 - 03:30 PM (IST)

अयोध्या: उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) नहीं चाहती है कि श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो। दास ने रविवार को अपने निवास पर बातचीत में कहा कि अयोध्या के विवादित श्रीरामजन्मभूमि पर रामलला का पूजा-अर्चना तो हो ही रही है अब केवल मंदिर निर्माण के लिए भव्यता देनी है। जब प्रभु श्रीराम चाहेंगे अपने आप ही भव्य मंदिर का निर्माण हो जाएगा।

विश्व हिन्दू परिषद पर मंदिर निर्माण की राजनीति का आरोप लगाते हुए धर्माचार्य ने कहा कि अयोध्या में कब का रामलला का मंदिर बन जाता लेकिन विश्व हिन्दू परिषद ने मंदिर नहीं बनने दिया। मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के कई अवसर विभिन्न सरकारों के कार्यकाल में लेकिन विहिप के अडिय़ल रवैये से यह समाधान नहीं हो पाया।रामलला के पुजारी ने कहा कि अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए हिन्दू संत-धर्माचार्य और मुस्लिम धर्माचार्यों के बीच समझौता होते-होते रह गया क्योंकि विहिप ने कहा था कि पहले अयोध्या फिर मथुरा और हमें फिर काशी चाहिए जिस पर मुस्लिम धर्माचार्य सहित सभी लोग भड़क गए और यह विवाद यहां तक आ गया।

दास ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के राम मंदिर का मुद्दा एजेंडे में है इसलिए देश की जनता यह चाहती है कि संसद में कानून बनाकर मंदिर का निर्माण कराया जाए। उन्होंने कहा कि जहां तक देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिक्र होता है तो मैं यहां तक तो जानता हूं कि नरेन्द्र मोदी ने कभी राम मंदिर निर्माण के बारे में किसी भी स्थान पर किसी भी सभा में यह बात नहीं कही है। लेकिन हां उन्होंने  जय श्रीराम के नारे जरूर लगवाए हैं।

पुजारी सत्येन्द्र दास ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अगर लोकसभा चुनाव 2019 के पहले संसद में कानून बना करके अध्यादेश नहीं लाती है तो देश से इसकी सफाई हो जाएगी। देश के जनता के लिए अन्य मुद्दों पर तो विभिन्न सरकारों ने भी काम किया है लेकिन राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी पर देश की जनता ने ज्यादा विश्वास रखा है। मंदिर मुद्दा तो है ही, महंगाई, जीएसटी, नोटबंदी, तीन तलाक जैसे तमाम मुद्दे इनको घेरेगी और देश से सफाया हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि सभासद से राष्ट्रपति तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कब्जा है तो ऐसे में क्यों नहीं राम मंदिर का कानून बनता है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश को नकार करके संसद में एससी-एसटी का कानून बन सकता है तो राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून क्यों नहीं बन सकता। धर्माचार्य ने कहा देश जानना चाहता है। जहां तक अयोध्या विवाद का मामला सर्वोच्च न्यायालय में है वह अलग बात है। न्यायालय अपना फैसला करेगी।

Anil Kapoor