धर्म परिवर्तन के बाद SC/ST को नहीं मिलना चाहिए आरक्षण : VHP

punjabkesari.in Friday, Oct 21, 2022 - 06:18 PM (IST)

लखनऊ: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने शुक्रवार को ईसाई मिशनरियों पर निशाना साधते हुए कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को मिलने वाले आरक्षण का लाभ उन्हें नहीं मिलना चाहिए जो धर्मांतरित होकर ईसाई हो गए हैं। इसके साथ ही कहा कि धर्मांतरित लोगों को अब दोहरा लाभ नहीं लेने देंगे। शुक्रवार को यहां विश्व संवाद केंद्र में विहिप के राष्‍ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने एक संवाददाता सम्‍मेलन में कहा, ‘‘अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को मिलने वाले आरक्षण का लाभ उन्हें नहीं मिलना चाहिए जो धर्मांतरण कर ईसाई हो गये हैं।

धर्मांतरित होने वाले लोग दोहरा लाभ ले रहे हैं...
उन्‍होंने कहा कि धर्मांतरित होने वाले लोग दोहरा लाभ ले रहे हैं, ये न केवल जातिगत आरक्षण का लाभ ले रहे बल्कि अल्पसंख्यकों को मिलने वाले लाभ भी ले रहे हैं। दोहरा लाभ लेने का विरोध करते हुए तिवारी ने कहा कि उनको अब यह दोहरा लाभ नहीं लेने देंगे। जब उनसे पूछा गया कि आखिर इसके लिए क्या तरीका अपनाएंगे, इसके जवाब में उन्‍होंने कहा कि ''संघे शक्ति कलयुगे', हिंदू समाज बड़ा समाज है, केंद्र सरकार को मानना पड़ेगा और इसे रोकने के लिए सरकार को कदम उठाना पड़ेगा।''

'कोई धर्मांतरित होता है तो यह संविधान विरोधी है'
विहिप प्रवक्ता ने दावा किया कि यह संविधान की मूल भावना के विरोध में है क्योंकि जो धर्म भारत की धरती पर नहीं जन्‍मा, अगर उस धर्म में कोई धर्मांतरित होता है तो यह संविधान विरोधी है। तिवारी ने ईसाई और इस्लाम धर्म को खासतौर से चिह्नित करते हुए कहा कि अगर कोई बौद्ध, या सिख धर्म में यह दोहरा लाभ ले रहा है तो इससे उन्हें कोई शिकायत नहीं है। उन्‍होंने कहा कि ईसाई और इस्लाम धर्म भारत में नहीं जन्मे हैं। उन्होंने यह आरोप लगाया कि दोहरा लाभ लेने के लिए कुछ लोग लालच में धर्मांतरण कर रहे हैं जो देश के लिए खतरा है। ईसाई धर्मांतरण को लक्ष्य करते हुए उन्होंने कहा कि इससे राष्ट्र के खिलाफ माहौल बन रहा है। तिवारी ने कहा कि यह बहुत पुराना मसला है और धर्मांतरित लोगों को दोहरा लाभ न मिले, यह डॉक्टर भीम राव आंबेडकर (संविधान निर्माता) पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी (दोनों पूर्व प्रधानमंत्री) भी चाहते थे, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, मनमोहन सिंह और एचडी देवगौड़ा इसके पक्ष में रहे।

उन्‍होंने दावा किया कि 1950 में यह आदेश आया था कि धर्मांतरित लोगों को दोहरा लाभ न मिले, लेकिन यह प्रभावी नहीं हो पाया । एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि '' हम जाति आधारित जनगणना के पक्ष में नहीं हैं।'' हालांकि इस बात पर उन्‍होंने जोर दिया कि बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण होना चाहिए। इसके पूर्व तिवारी ने विहिप की पत्रिका 'हिंदू विश्‍व' के दीपावली विशेषांक का लोकार्पण किया। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tamanna Bhardwaj

Recommended News

Related News

static