पूर्व प्रधान के आतंक से दहशत में ग्रामीण, केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर के नाम से जमाता है धौंस

punjabkesari.in Monday, Sep 06, 2021 - 05:10 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने साफ लफ्जों में कहा है कि दबंग और माफिया प्रकृति के लोगों के लिए उत्तर प्रदेश नर्क में तब्दील हो चुका है। वहीं पुलिस भी मोरल पुलिसिंग के तमाम वादे करती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। हम बात कर रहे हैं राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज का एक गांव की जो कि पुलिस की सरपरस्ती में तालिबान बन चुका है। पूर्व प्रधान चक्रवीर सिंह  के आतंक से ग्रामीण रोजाना डर के साए में जीने को मजबूर हैं। क्योंकि थानाध्यक्ष से लेकर चौकी प्रभारी और पूरा सरकारी तंत्र पूर्व प्रधान के दरवाजे पर नाक रगड़ता नजर आता है।

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चुनाव हारने से लोगों को प्रताड़ित कर रहा पूर्व प्रधान
गौरतलब है कि लखनऊ के डंडा सिकंदरपुर गांव के ग्रामीण इन दिनों दहशत में जीने को मजबूर हैं, जिसकी बड़ी वजह पूर्व प्रधान है। जो केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर के नाम से लोगों को डराता, धमकाता है। गांव की तमाम महिलाएं दहशत में इसलिए है कि कभी भी किसी का भाई, किसी का बेटा, किसी का पति पूर्व प्रधान के आतंक का शिकार हो सकता है। दरअसल चक्रवीर सिंह प्रधानी का चुनाव हारने के बाद से काफी बौखलाया हुआ है और अपनी हार का बदला वो ग्रामीणों को प्रताड़ित करके ले रहा है।

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थाने पहुंचे फरियादियों को मिलती हैं गंदी-गंदी गालियां
ग्रामीणों के मुताबिक उसने असमाजिक गतिविधियों के तहत लाखों करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है और इसी संपत्ति के बल पर वो चौकी प्रभारी और थानाध्यक्षों को खरीद चुका है। यहीं कारण है कि जब फरियादी अपनी फरियाद लेकर थाना या चौकी जाता है तो मोहनलालगंज इंस्पेक्टर दीनानाथ मिश्रा फरियादी को ही थाने पर बैठा लेता है। फरियादियों में महिलाएं भी होती हैं उनसे भी इंस्पेक्टर द्वारा अभद्रता की जाती है और गंदी-गंदी गालियां दी जाती हैं। ग्रामीण महिलाओं ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधान के गुर्गे उनके परिजनों को परेशान करते हैं और जब वो पुलिस के पास जाती हैं तो उनको भद्दी भद्दी गालियां सुनने को मिलती हैं।
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 'गरीबों के लिए न्याय काफी महंगा'
वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि गरीबों के लिए न्याय काफी महंगा पड़ जाता है और इसकी साफ तस्वीर देखने को मिलती है। लखनऊ के डांडा सिकंदरपुर गांव में जहां सुबह पूर्व प्रधान ग्रामीणों को धमकाता है और रात होते होते पुलिस धमकाती है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी पुलिस और माफियाओं का नेक्सस नजर आता है और भुगतना मासूम ग्रामीणों को पड़ता है।

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मीडिया के सामने महिलाओं का छलका दर्द
बता दें कि जब हमारी टीम इस खबर की कवरेज के लिए मौके पर पहुंची तो लोगों के चेहरों पर परेशानी साफ नजर आ रही थी। एक नहीं दो नहीं तीन नहीं बल्कि इस गांव के तमाम परिवारों की महिलाएं मीडिया से रूबरू होकर अपना दर्द बयां कर रहीं थी। किसी ने बताया कि पूर्व प्रधान के इशारे पर उनके पति को पुलिस उठा कर ले गई है तो किसी के जमीनों पर जबरन कब्जा कर रहा है। इतना ही नहीं उसके गुर्गे नशे की हालत में महिलाओं से सरेआम अभद्रता करते हैं और पुलिस सिर्फ और सिर्फ नपुंसकों की तरह तमाशा देखती हुई नजर आती है।

कौशल किशोर का नाम हो रहा बदनाम
केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर लगातार समाज के लिए समर्पित रहते हैं लेकिन शायद उनको पता भी नहीं होगा कि उनकी छवि को धूमिल करने का काम किया जा रहा है। उनके नाम पर पूर्व प्रधान ग्रामीणों को धमकाता है। चौकी से लेकर थाने तक पूर्व प्रधान का रसूख हैं जिस पुलिस पर आम जनता की रक्षा करने की जिम्मेदारी है वो भी भक्षक का काम करती हुई नजर आ रही है। फरियादियों की पीड़ा सुनने के बजाए उनको थाने पर इंस्पेक्टर दीनानाथ मिश्रा बैठा लेते हैं और सिर्फ बैठाते ही नहीं खातिरदारी के नाम पर फरियादियों को मारा भी जाता है।


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Content Writer

Umakant yadav

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