... फिल्म देखना शरीयत के हिसाब से जायज नहीं है- सीएम योगी की फिल्म पर मौलाना मौलाना का रिएक्शन
punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 03:12 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित फिल्म ‘अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी' आखिरकार शुक्रवार को देशभर में रिलीज हो गई। इसे लेकर अब सियासत भी गरमा गई है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुसलमानों से फिल्मों को लेकर बड़ी अपील की है। मौलाना ने कहा कि इस्लाम की नजर में फिल्म देखना और दिखाना, दोनों नाजायज और हराम है। सरियत के हिसाब से फिल्म देखना जायज नहीं है।
योगी आदित्यनाथ के जीवन पर बनी फिल्म हुई रिलीज
आप को बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित फिल्म ‘अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी' आखिरकार शुक्रवार को देशभर में रिलीज हो गई। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की आपत्तियों के कारण फिल्म की रिलीज में देरी हुई। मूल रूप से जमशेदपुर के निवासी और अमेरिका में रहने वाले व्यवसायी व निर्माता अजय मेंगी ने बताया, “फिल्म को शानदार प्रतिक्रिया मिली है।” ‘महारानी' (सीजन 2) और ‘इक्कीस तोपों की सलामी' के लिए मशहूर रवींद्र गौतम द्वारा निर्देशित यह फिल्म शांतनु गुप्ता की किताब ‘द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर' पर आधारित है। उत्तर प्रदेश में यह फिल्म लगभग 150 स्क्रीन पर दिखाई जा रही है। लखनऊ और वाराणसी के सिनेमाघरों से मिली खबरों के अनुसार, दर्शक फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान उत्साह से ‘योगी-योगी' और ‘जय श्री राम' के नारे लगा रहे थे।
दर्शक ‘योगी बाबा जिंदाबाद' के लगाए नारे
राज्य की राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर नगर विस्तार स्थित एक मल्टीप्लेक्स में भी दर्शक ‘योगी बाबा जिंदाबाद' के नारे लगाते दिखाई दिए। फिल्म के निर्देशक रवींद्र गौतम व्यावसायिक सफलता को लेकर आश्वस्त हैं और उन्होंने कहा, “यह फिल्म मुख्यतः इसलिए अच्छा प्रदर्शन करेगी क्योंकि इसमें दर्शकों से जुड़ने के सभी तत्व मौजूद हैं।” गौतम ने बताया कि योगी आदित्यनाथ के जीवन की जानकारियां जुटाने के दौरान उन्हें पता चला था कि वह 22 साल की छोटी उम्र में संन्यासी बनने से पहले विज्ञान में एमएससी. की पढ़ाई कर रहे थे और एक मेधावी छात्र थे। फिल्म निर्माताओं के अनुसार, व्यापक शोध किया गया, जिसमें आदित्यनाथ के वीडियो देखना, उत्तराखंड में उनके पैतृक घर का दौरा करना और उनके रिश्तेदारों से बात करना शामिल था।
फिल्म की टीम आदित्यनाथ की जीवन गाथा के लिए खुद शोध किया
फिल्म निर्माण से जुड़े लोगों ने गोरखपुर में भी समय बिताया, जहां आदित्यनाथ अब गोरखनाथ मठ के महंत हैं। गौतम ने परिवार से मुलाकात को ‘एक रहस्योद्घाटन' बताया और कहा, “यह अविश्वसनीय है कि एक लोकप्रिय मुख्यमंत्री का परिवार इतना सादा जीवन जी सकता है।” फिल्म की टीम आदित्यनाथ की जीवन गाथा से इतनी प्रेरित हुई कि उन्होंने फिल्म के निर्माण के दौरान स्वेच्छा से मांसाहारी भोजन छोड़ दिया। योगी की भूमिका निभाने वाले अनंत जोशी ने भी इस भूमिका की तैयारी के लिए खुद शोध किया। गौतम ने कहा, “यह जानने के लिए गहन शोध किया गया कि योगी जी गुस्सा होने पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।
उन्होंने कहा, “जैसा कि कहा जाता है, एक अच्छा अभिनेता किरदार में पूरी तरह से उतर जाता है। ठीक उसी तरह अनंत ने पूरी मेहनत की।” भोजपुरी कलाकार व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ' के साथ अनुभवी अभिनेता परेश रावल और पवन मल्होत्रा भी इस फिल्म के किरदारों में शामिल हैं। बम्बई उच्च न्यायालय के 25 अगस्त को एक फैसले से फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ हुआ था।