गंगा और रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ा रहा कदम, 50 गांवों में भरा पानी

punjabkesari.in Sunday, Aug 19, 2018 - 12:43 PM (IST)

फर्रुखाबादः फर्रुखाबाद में गंगा और रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा हैं। नरौरा बांध से गंगा नदी में करीब डेढ़ लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया है। दोनों नदियों का जलस्तर अब 136.95 मीटर पर पहुंच गया है। दोनों ही नदियों में खतरे का बिंदु 137.10 मीटर पर है। लगातार बढ़ रहे जलस्तर से पट्टी भरखा, सैदापुर, कछुआ गाड़ा, भूड़रा, सबलपुर, लायकपुर, जगतपुर, उदयपुर, कुड़री सारंगपुर, करनपुर घाट, फुलहा, जटपुरा, रामप्रसाद नगला आदि समेत करीब 50 गांवों में पानी भर गया है। वहीं, करीब 50 गांवों में पानी भरने से लोगों को मुसीबतों से जूझना पड़ रहा है। गांव के स्कूलों में भी बढ़ का पानी भर गया है।

वहीं, रामगंगा का जलस्तर बढ़ने से अलादपुर भटौली, कोला सोता, बेचेपट्टी, गलार, खाकिन, महोलिया, बेहटा, रेगापुर आदि एक दर्जन गांवों के किनारे पानी पहुंच गया है। पानी अधिक हो जाने से अहलादपुर में रामगंगा का कटान थम गया है। हालांकि कुछ गांवों के किनारे खेतों में कटान अब भी जारी है। बाढ़ पीड़ित गांवों में अब बीमारियां फैलने लगी हैं, लेकिन चिकित्सकों की टीम नहीं पहुंची। यहां पर बुखार, जुकाम, उल्टी-दस्त और खुजली से लोग परेशान हैं। वहीं गांव की सोरन देवी के बच्चे को ज्वाइंडिस हो गया है। उन्हें दवा लेने अमृतपुर सीएचसी जाना पड़ा। लोगों को  दो-दो नाव से नदी पार कर अमृतपुर जाना होता है। गांव में अब तक न कोई डॉक्टर आया है, न ही दवाई बांटी गई है। इसके अलावा माखन नगला, रामप्रसाद नगला, जटपुरा कहिलियाई गांव में बीमारी फैली हुई है।

बाढ़ प्रभावित गांवों में इंसान ही नहीं जानवरों में भी बीमारियां फैल रही हैं। खुरपका, मुंहपका की बीमारी फैलने से कई ग्रामीणों के जानवर बीमार हैं। मंझा निवासी संतोष कुमार, राजवीर, दिनेश कुमार ने बताया कि गंगा का पानी घरों में भर गया है। खाना बनाने में भी समस्या होती है। जहां सूखा मिलता है, वहां पर चूल्हा रख कर खाना बनाया जा रहा है। इसके अलावा सुंदरपुर व माखन नगला की ओर जाने वाले रास्ते कट गए हैं। इससे लोगों को निकलने में समस्या हो रही है।
 

Ruby