क्या नोएडा को ‘‘मनहूस’’ मानकर मोदी के कार्यक्रम में नहीं आए अखिलेश?

punjabkesari.in Tuesday, Apr 05, 2016 - 08:52 PM (IST)

नोएडा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज एक बार फिर नोएडा आने से कन्नी काट ली। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार्यक्रम में यहां आना था लेकिन वह नहीं आए। बताया जा रहा है कि नोएडा को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर बैठे नेताओं के लिए ‘‘मनहूस’’ माने जाने की वजह से अखिलेश ‘स्टैंड अप इंडिया’ कार्यक्रम में नहीं आए। पिछले तीन महीने में एेसा दूसरी बार हुआ है कि मुख्यमंत्री अखिलेश किसी महत्वपूर्ण कार्यक्रम में नोएडा नहीं आए। नोएडा के सेक्टर-62 में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में मोदी ने ‘स्टैंड अप इंडिया’ योजना की शुरूआत की। 

इस योजना के तहत बैंक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला उद्यमियों को 10 लाख रूपए से लेकर एक करोड़ रूपए तक का कर्ज देंगे। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक मौजूद थे, लेकिन अखिलेश नहीं आए। उनकी सरकार की नुमाइंदगी राज्य के एक कैबिनेट मंत्री ने की।  इससे पहले, 31 दिसंबर 2015 को अखिलेश दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखने के लिए आयोजित कार्यक्रम में भी नहीं आए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम में भी शिरकत की थी। राजनीतिक हलकों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए नोएडा के दौरे को अपशकुन माना जाता रहा है। दलील दी जाती है कि वीर बहादुर सिंह, नारायण दत्त तिवारी, कल्याण सिंह और मायावती सहित कई नेताओं को नोएडा दौरे के तुरंत बाद मुख्यमंत्री पद गंवाना पड़ा था।    
 
हालांकि, इस समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उपस्थित नहीं थे। लेकिन समारोह में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, संस्कृति मंत्री महेश शर्मा, वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा और बड़ी संख्या में सांसद मौजूद थे। उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री कमाल अख्तर ने किया। योजना के तहत रिण सुविधा लेने वाले एससी-एसटी तथा महिला उद्यामियों को निकासी के लिए रूपे डेबिट कार्ड दिया जाएगा। इसके अलावा उन्हें व्यापक समर्थन मसलन रिण पूर्व प्रशिक्षण,ऋण लेने में मदद, फैक्टरिंग और विपणन सहयोग दिया जाएगा। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक :सिडबी: द्वारा 10,000 रपये की पुनर्वित्त खिड़की उपलब्ध कराई जाएगी और नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लि. (एनसीजीटीसी) 5,000 करोड़ रुपये का कोष बनाएगी। सिडबी दलित इंडियन चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री और विभिन्न संस्थानों के संपर्क में रहेगा। सिडबी तथा राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) को स्टैंड अप कनेक्ट केंद्रों के रूप में प्राधिकृत किया जाएगा।