SC ने यूपी सरकार के वकील से मांगा जवाब- आज़म खान को अयोग्य ठहराने की इतनी जल्दी क्या थी ? स्पीकर 24 दिन बाद भी विक्रम सैनी पर मेहरबान!
punjabkesari.in Tuesday, Nov 08, 2022 - 12:58 PM (IST)

लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ सपा नेता आजम खां की प्रदेश विधानसभा से खुद को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर यूपी सरकार व केंद्रीय चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। भड़काऊ भाषण मामले में 3 साल की जेल की सजा सुनाए जाने पर आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद से खां की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा और उनकी याचिका को चुनाव आयोग के स्थायी वकील को भी देने को कहा। पीठ मामले की अगली सुनवाई 9 नवंबर को करेगी। प्रसाद ने दलील दी कि आजम को अयोग्य ठहराने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुरूप है। इस पर पीठ ने उनसे कहा कि याचिकाकर्ता को अयोग्य ठहराने की इंतनी क्या जल्दी थी? आपको कम से कम उन्हें कुछ वक्त देना चाहिए था। इससे पहले सपा नेता के वकील पी. चिदंबरम ने कहा कि मुजफ्फरनगर जिले के खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सैनी को भी 11 अक्तूबर को दोषी ठहराया गया और दो साल की सजा सुनाई गई लेकिन उनकी अयोग्यता पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में तत्कालिकता यह है कि चुनाव आयोग 10 नवंबर को रामपुर सदर सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा करते हुए गजट अधिसूचना जारी करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि सेशन कोर्ट के जज कुछ दिनों की छुट्टी पर हैं और इलाहाबाद हाईकोर्ट बंद है, इसलिए वह अपनी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ वहां नहीं जा सके। इस पर पीठ ने प्रसाद से पूछा कि खतौली विधानसभा सीट के मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाई थी 3 वर्ष की सजा
आजम खां को 27 अक्तूबर को रामपुर की एमपीएमएलए कोर्ट ने 2019 के भड़काऊ भाषण मामले में दोषी करार दिया था और तीन साल की सजा सुनाई थी। 28 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने आजम को अयोग्य ठहराए जाने और उनकी विधानसभा सीट को रिक्त घोषित किया।