बेबसीः एंबुलेंस नहीं मिली तो बांस से बांधकर ले गया पत्नी का शव, जिसने भी देखा लाचारी का यह मंजर भर आई आंखें

punjabkesari.in Saturday, Oct 14, 2023 - 08:01 AM (IST)

प्रयागराज: इंसान को गरीबी इतना बेबस कर देती है कि वह चाहता तो बहुत कुछ है, पर कर कुछ नहीं पाता। कुछ ऐसा ही प्रयागराज में देखने को मिला। यहां आर्थिक तंगी के चलते नखड़ न तो बीमार पत्नी का ठीक से इलाज करा पाया, न ही उसकी मृत्यु पर ठीक से शव यात्रा निकाल निकाल सका। नखड़ को अस्पताल से एंबुलेंस तक नहीं मिली। मजबूरन वह एक बांस में कपड़े के दोनों सिरे बांधकर उसमें पत्नी का शव रखकर चल दिया। जिस किसी ने भी यह दृष्य देखा, उसकी आंखें नम हो गईं।

लोगों ने चंदा एकत्र कर शव घाट तक पहुंचाने का किया इतजाम
नखड़ की बेबसी देख कुछ राहगीर मदद के लिए आगे बढ़े और चंदा एकत्र कर शव को घाट तक पहुंचाने का इतजाम किया। नखड़ बनारस से आकर के झूंसी के नीबी गांव में रहकर पत्तल बेंचकर परिवार का खर्च चलाता था। पत्नी बीमार रहती थी। उसके पास पैसे नहीं थे कि पत्नी अनीता का ठीक से इलाज करा सके। स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में इस उम्मीद में उसने अनीता को भर्ती कराया था कि वह जल्द ठीक हो जाएगी, लेकिन शुक्रवार को अनीता की मौत हो गई। नखड़ को अस्पताल की तरफ से शव ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं उपलब्ध कराई गई। परेशान नखड़ और अनीता के पिता ने एक बांस तलाश कर उसमें कपडे के दोनों सिरों को बांधा और शव के अंतिम संस्कार के लिए चल पड़े। नखड़ पत्नी के शव का अंतिम संस्कार दारागंज पुल के नीचे बसे रिश्तेदारों के पास ले जाकर करना चाहते थे।



पैसा नहीं है, मजबूरी में शव बांस में बांधकर पैदल ले जाना पड़ रहाः अनीता के पिता
अनीता के पिता मैनेजर ने बताया कि पैसा नहीं है। मजबूरी में शव बांस में बांधकर पैदल ले जाना पड़ रहा है। पहले कुछ लोगों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया, बाद में काफी लोग मदद के लिए आगे आए। मदद मिलने पर ही हम ऑटो से शव को घाट तक ले जा सके और अंतिम संस्कार किया। एसडीएम फूलपुर अजीत जायसवाल ने कहा कि मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है. इतना कहकर उन्होंने फोन नंबर को • ब्लॉक कर दिया।

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Ajay kumar