जब बिटियां के लिए बाघ से भिड़ गई मां तो लोगों ने किया सलाम

punjabkesari.in Thursday, Sep 07, 2017 - 12:55 PM (IST)

बहराइचः अगर कलेजे के टुकड़े पर कोई संकट आ जाएं तो मां दुर्गा और चण्डी बन जाती है। ठीक एेसा ही एक मामला यूपी के बहराइच जिले में वाहवाही बटोर रहा है, जहां एक मां अपनी बच्ची के लिए सीधे बाघ से जा लड़ी। अपनी जान दांव पर लगाकर बच्ची को मौत के मुंह से बाहर लाने वाली इस मां ने ममता की मिसाल कायम कर दी है। वहीं डीएफओ ने पीड़ित परिवार को सहायता प्रदान की है।

बाघ ने किया बिटिया पर वार, मां बनी दुर्गा
दरअसल यह मामला है मोतीपुर रेंज के नैनिहा गांव का। जहां इन दिनों बाघ के कहर से जनजीवन काफी दहशत में है। वहीं एक मां के साहस की इलाके में काफी चर्चा है।यहां बीती रात एक बाघ रामानुज के घर में जा घुसा। उस वक्त उसकी पत्नी सुनैना खाना पका रही थी। जबकि उसकी बेटी संगनी (9) आंगन में नल के पास पानी पी रही थी। तभी बाघ ने संगनी पर झपट्टा मारा और उसके सिर को दबोच लिया।
बच्ची की चीख सुनकर मां सुनैना बचाव के लिए दौड़ी और बाघ पर डंडों से हमला बोल दिया। वो 10 मिनट तक ताबड़तोड़ बाघ से जूझती रही। तब तक परिजन व आसपास के लोग मौके पर जुट गए। ये देख बाघ बेटी संगिनी को छोड़ जंगल की ओर चला गया। उसके सिर व पैरों पर नाखून व दांतों के जख्म आए हैं।

ग्रामीणों ने इसकी सूचना रेंज कार्यालय को दी। काफी देर तक जब टीम नहीं पहुंची तो घायल को किसी तरह मोतीपुर सीएचसी लाया गया। रेंजर मोतीपुर खुर्शीद आलम अपनी टीम के साथ सीएचसी पहुंचे। चिकित्सकों ने घायल की हालत गंभीर देखते हुए उसे प्राथमिक इलाज के बाद जिला अस्पताल रेफर किया। 

हमले के बाद दहशत का माहौल
बता दें कि जंगल से सटे इलाको में 3 सप्ताह के भीतर तेंदुआ 3 बालकों सहित 4 को घायल कर चुका है। इलाके में बाघ के हमले के बाद दहशत का माहौल है। घटना की जानकारी मिलते ही डीएफओ जीपी सिंह जिला अस्पताल पहुंचे। घायल बच्ची के परिजनों को इलाज के लिए 5 हजार रुपए की वन महकमें ने मदद मुहैया कराई है। डीएफओ ने बताया कि वन महकमे की टीमों को सतर्क किया गया है। ग्रामीणों से भी सावधानी बरतने को कहा गया है।

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