इंदिरा गांधी की 73 किलो चांदी का वारिस कौन? RBI भी लेने से कर चुका है इनकार

punjabkesari.in Wednesday, Apr 06, 2022 - 02:29 PM (IST)

बिजनौर: जिले के कोषागार में बहुत ही कीमती चांदी रखी हुई है । यह चांदी देश की आयरन लेडी रही पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की अमानत बताई जा रही है। वर्तमान में इसकी कीमत 34-35 लाख बताई जा रही है। दरअसल, 50 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी कालागढ़ में मिट्टी के बाध बनाए जाने पर आई थी। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उन्हें उपहार देने का फैसला किया था।  उस समय इंदिरा गांधी को कार्यकर्ताओं ने उपहार के तौर पर चांदी के सिक्के से उन्हें तौत दिए।  बाद में इंदिरा गांधी इस उपहार को अपने साथ वापस नहीं ले गई। उसके बाद से इस चादी के सिक्के को जिला के कोषागार में रख दिया गया है।

पिछले 50 सालों से स्वर्ग र्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 73 किलो चांदी की अमानत संभाल कर रखी हुई है।  जिले के कोषाधिकारी सूरज कुमार का कहना है कि यह चांदी तभी वापिस की जा सकती है जब पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के परिवार का कोई सदस्य इस पर अपना दावा करे। कोषागार अधिकारियों की ओर से इस चांदी को भारतीय रिजर्व बैंक को सौंपने के लिए भी पत्र भी लिखे गए हैं। लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने भी इसे यह कहते हुए लेने से इनकार कर दिया कि यह निजी संपत्ति है। इसके बाद प्रदेश सरकार से भी राय मांगी गई लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं आया और इस तरह इंदिरा गांधी की अमानत आज भी बिजनौर कोषागार में रखी हुई है । उन्होंने बताया कि  कोषागार के डबल लॉकर में कड़ी सुरक्षा के बीच पूर्व पीएम की चांदी रखी हुई है । इतना ही नही इस चांदी की सुरक्षा के लिए 24 घंटे पुलिस का पहरा रहता है ।

गौरतलब है कि बिजनौर के कालागढ़ में एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध बनाया जाना था। इसका निर्माण चल रहा था और इस पर धन्यवाद देने के लिए  बिजनौर के लोगों ने 1972 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को कालागढ़ में आमंत्रित किया था।इस सभा में  कालागढ़ बांध निर्माण के लिए काम करने वाले मजदूरों और कांग्रेस कार्यकताओं ने उन्हें उपहार के तौर पर उनके वजन के बराबर चांदी के सिक्के दिए। 73 किलो चांदी उनके नाम पर जिला कोषाकार में रखा हुआ है।
 

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Ramkesh