हलाला के पक्ष में उतरीं मुस्लिम महिलाएं, कहा-विराेध करने वालाें काे नहीं जानकारी

punjabkesari.in Thursday, Aug 17, 2017 - 04:45 PM (IST)

मऊः देशभर में तीन तलाक मामले को लेकर बहस जोरों पर है। इस बीच हलाला काे लेकर भी चर्चाएं शुरू हाे गई हैं। इस मामले काे लेकर जब मुस्लिम महिलाआें से बात की गई ताे वह भी हलाला के पक्ष में खड़ी नजर आईं।

पंजाब केसरी के रिपाेर्टर ने जब मऊ के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में जाकर मुस्लिम महिलाओं से बात की तो उन्होंने हलाला का पक्ष करते हुए कहा कि हलाला हमारी शरीयत में हैं। जो लोग हलाला के विरोध में हैं उन्हें इस्लाम या शरीयत के बारे में पूरी जानकारी नही हैं। हमें इस्लाम धर्म में रहना है तो शरीयत के हिसाब से चलना होगा। उसे माननें में कोई गुरेज़ नहीं है।

क्या मौलाना खुर्शीद अहमद की राय ?
वहीं मौलाना खुर्शीद अहमद आज़मी ने भी कहा कि अगर मर्द और औरत आपसी सहमति से दाेबारा एक साथ रहना चाहते हैं तो हलाला करना पड़ेगा या औरत किसी और से निकाह कर सकती है।

क्‍या होता है हलाला ?
'हलाल' शायद आप जानते होंगे। जी हां वहीं जिसमें मुस्‍लिम अल्‍लाह का नाम लेकर किसी बेजुबान जानवर के गले पर छुरी चालकर मार डालाता है। ऐसा ही कुछ 'हलाला' में भी होता है। यहां छुरी से महिला को मारा तो नहीं जाता लेकिन एक रात के लिए उसकी इज्‍जत का सौदा किया जाता है। जब कोई तलाकशुदा महिला अपने पति से दोबारा शादी करना चाहती है तो उसे एक अजनबी के साथ शादी करके कम से कम एक रात उसके साथ गुजारनी पड़ती है। इसमें हमविस्‍तर होना जरूरी है। इसे ही हलाला कहते हैं। इसके बारे में मुस्लिम धर्म से बाहर बहुत कम लोग जानते हैं।