कान्हा संग होली: बेरंग जिंदगी में भक्ति के रंग भरे तो खुशी से खिल उठे विधवा, बेसहारा महिलाओं के चेहरे

punjabkesari.in Tuesday, Mar 15, 2022 - 06:50 PM (IST)

मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा में वृन्दावन प्रवास कर रहीं सैकड़ों विधवा और बेसहारा महिलाओं ने मंगलवार को प्राचीन ठाकुर राधा गोपीनाथ के मंदिर प्रांगण में होली का त्योहार मनाया। कोविड-19 महामारी के चलते पिछले वर्ष इसका आयोजन नहीं हो पाया था। वर्ष 2013 में जाने-माने समाज सुधारक और सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ. बिंदश्वर पाठक ने अलग-थलग जिंदगी बिता रहीं विधवा, बेसहारा महिलाओं को भी आम लोगों के समान ही होली का त्योहार मनाने के लिए प्रेरित किया।

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सुलभ के जनसम्पर्क सलाहकार मदन झा ने बताया कि हाल के वर्षों में वृंदावन का होली समारोह उन हजारों विधवाओं के लिए यादगार अवसर बन गया जो सदियों से तिरस्कार एवं अपमान का दंश सहती चली आ रही थीं। विभिन्न आश्रय गृहों में रहने वाली विधवा महिलाओं ने बड़ी संख्या में ठाकुर राधा गोपीनाथ मंदिर में एकत्रित होकर होली का त्योहार मनाया। इसके लिए उन्होंने दो दिन पहले से ही भिन्न-भिन्न प्रकार के फूल इकट्ठे कर उनकी पंखुड़ियां अलग करना शुरू कर दिया था। आयोजकों ने भी उनके लिए भांति-भांति के रंग-गुलाल एवं मिठाइयों का इंतजाम कर रखा था। ज्यादातर विधवा महिलाएं, जो पश्चिम बंगाल की मूल निवासी हैं, ने एक-दूसरे पर फूलों की पंखुड़ियां फेंकी और रंग लगाया।

उन्होंने नृत्य किया और कृष्ण भजन और होली गीत गाए। उन्होंने आपस में मिठाइयां भी बांटी और दावत का लुत्फ उठाया। इस अवसर पर विधवा गौरवाणी दासी ने खुशी व्यक्त करते हुए इस उत्सव को वृन्दावन और काशी में रहने वाली हजारों विधवाओं के लिए ‘आशा की होली' करार दिया। छवि और विमला दासी समेत अन्य विधवा महिलाओं ने साथ होली मनाकर खुशी व्यक्त की।


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Content Writer

Mamta Yadav

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