दो विश्वविद्यालय खोलकर मदरसों को उनसे संबद्ध करेंगे: ओमप्रकाश राजभर
punjabkesari.in Sunday, Aug 11, 2024 - 03:06 PM (IST)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने प्रदेश में मदरसों की मान्यता की नई व्यवस्था शुरू किए जाने की तैयारी के संकेत देते हुए कहा कि दो विश्वविद्यालय खोलकर मदरसों को उनसे संबद्ध किया जाएगा। हालांकि, देश में मुसलमानों के सबसे बड़े सामाजिक संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद का कहना है कि सरकार ऐसा कोई भी कदम उठाने से पहले सभी पक्षकारों से बातचीत करें और यह सुनिश्चित करे कि इससे अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों का हनन नहीं होगा। राजभर ने कहा, "राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से जो पत्र आया है, उसमें कहा गया है कि ऐसे मदरसे जो बच्चों को पढ़ा तो रहे हैं, लेकिन उनके पास बच्चों को शैक्षणिक प्रमाणपत्र देने की मान्यता नहीं है, उनमें पढ़ने वाले बच्चों को निकालकर सरकारी परिषदीय स्कूलों में दाखिल कराया जाए। (पत्र में) बस इतना ही है।"
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिखा था पत्र
गौरतलब है कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इसी साल सात जून को राज्य सरकार को एक पत्र लिखा था। प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने पिछली 26 जून को आयोग के इस पत्र का हवाला देते हुए एक आदेश जारी किया था, जिसमें प्रदेश के सरकारी अनुदान प्राप्त मदरसों में पढ़ने वाले गैर-मुस्लिम बच्चों और गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के सभी बच्चों को निकालकर परिषदीय स्कूलों में दाखिल कराने के निर्देश दिए गए थे। हालांकि, यह मामला उच्चतम न्यायालय पहुंचा था, जिसने इन आदेशों पर फिलहाल रोक लगा दी थी।
हमारा प्रयास है कि हम दो विश्वविद्यालय खोलेंः राजभर
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री राजभर ने प्रदेश के मदरसों की मान्यता की नयी व्यवस्था शुरू किए जाने की तैयारी की तरफ इशारा करते हुए कहा, "हमारा प्रयास है कि हम दो विश्वविद्यालय खोलें। हम राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड को विश्वविद्यालय से संबद्ध करना चाहते हैं और वहीं (विश्वविद्यालय से) सभी मदरसों को मान्यता दे दी जाएगी, ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो।" राजभर ने उदाहरण देते हुए कहा, "लखनऊ विश्वविद्यालय, पूर्वांचल विश्वविद्यालय, शकुंतला विश्वविद्यालय आपके सामने हैं, जहां से तमाम विद्यालय संचालित होते हैं। इस तरह विश्वविद्यालय से अगर मदरसे संचालित होते, तो आज यह दुर्गति न होती। इस काम को न तो सपा कर पाई, न कांग्रेस कर पाई और न ही बसपा।"