यूपी में सड़कों के विकास पर होगा 2 लाख करोड़ खर्च, गडकरी का है ये प्लान

punjabkesari.in Thursday, Feb 22, 2018 - 12:55 PM (IST)

लखनऊ: केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सड़कों के विकास की व्यापक सम्भावनाएं है। केन्द्र सरकार आगामी वर्षों में सड़कों पर 2 लाख करोड़ रूपए खर्च करेगी। गडकरी इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में औद्योगिक विकास विभाग द्वारा आयोजित यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2018 में प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर आयोजित सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने राज्य सरकार द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक निवेशक सम्मेलन की सराहना करते हुए कहा कि निश्चित ही यह सम्मेलन प्रदेश के औद्योगिक विकास में मील का पत्थर होगा। केन्द्र सरकार दिल्ली और मेरठ एक्सप्रेस-वे के 14 लेन के रोड़ के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसका शुभारम्भ प्रधानमंत्री आगामी 15 मार्च को करेंगे। इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने से दिल्ली से मेरठ की दूरी मात्र 40 मिनट की ही रह जाएगी।

गडकरी ने कहा कि केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित यदि राज्य सरकार चाहेगी तो पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के विकास में भी मदद करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने वाराणसी से हल्दिया तक जल परिवहन व्यवस्था को आज की जरूरत बताते हुए कहा कि इस मार्ग से होने वाला परिवहन काफी सस्ता होगा और लोगों को अपने माल को भी भेजने में भी अधिक व्यय नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जल परिवहन से मछुवारों के साथ ही अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होगें।

गडकरी ने कहा कि 2019 तक इलाहाबाद में आयोजित कुम्भ में ‘सी-प्लेन’ की सुविधा सुलभ कराने के लिए केन्द्र सरकार गम्भीर है। इससे लोगों को आवागमन की बेहतर सुविधा मिल सकेगी और वह कहीं भी इसे उतार सकते हैं, चाहें नदी में या धरती पर। गंगा स्वच्छ अभियान को सरकार ने विशेष प्रमुखता दी है। गंगा स्वच्छ अभियान के 189 प्रोजेक्ट हैं, जिसमें 47 पूरे हो चुके हैं। उन्होंने उम्मीद जताई की वर्ष 2019 तक गंगा को पूरी तरह निर्मल कर दिया जाएगा। उन्होंने यातायात व्यवस्था के लिए मेंथनॉल और एथनॉल के उपयोग पर बल देते हुए कहा कि चीनी मिलों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इस मौके पर औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने राज्य सरकार द्वारा अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास की नीतियों की खूबियों की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार ने बुनियादी सुविधाओं के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।