लोहिया की जयंती पर बोले अखिलेश- क्या भाजपा सरकार बताएगी किसानों की आय दोगुनी क्यों नहीं हुई?

punjabkesari.in Thursday, Mar 23, 2023 - 01:31 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डॉ. राममनोहर लोहिया की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने ‘‘डॉ. राम मनोहर लोहिया जी को उनकी जयंती पर याद कर रहा हूं। वह उच्च कोटि के बुद्धिजीवी और विचारक थे, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में और बाद में एक समर्पित नेता के साथ-साथ सांसद के रूप में भी बहुत योगदान दिया। उन्होंने कहा कि आज देश को राम मनोहर लोहिया जैसे समाजवादी विचारक की जरुत है। अखिलेश ने कहा कि क्या भाजपा सरकार बताएगी किसानों की आय दोगुनी क्यों नहीं हुई? नौजवान बेरोज़गार क्यों है? सिलेंडर महंगा क्यों है? बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने जो संविधान दिया जो आरक्षण है उसके साथ खिलवाड़ क्यों हो रहा है?"  



डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को कुर्सी का दिख रहा खतरा
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी सबसे प्यार करती है डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को अपनी कुर्सी से खतरा है। भारतीय जनता पार्टी अब जान चुकी है कि दलित पिछड़ा अपने हक अधिकार के लिए जाग गया है, इसलिए बीजेपी छटपटा रही है।  उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार  सरकारी नौकरी में रिजर्वेशन में को खत्म करने के लिए आउटसोर्सिंग भर्ती कर रही है। उन्होंने कहा कि सपा का गठबंधन दलितों वंचितों किसानों नौजवानों के साथ मिलकर भाजपा को हराने के लिए तैयार है।



सांड सफारी बनाए बीजेपी: अखिलेश
अखिलेश ने "हम सब स्वीकार करते हैं सारस आरिफ से लगाव रखता था। सरकार को क्या सूझा कि सारस को उठा ले गए? अगर उठा ले गए थे तो जिम्मेदारी सरकार और वन विभाग की बनती है उसकी सेवा करते। सारस चला गया। अगर गांव वालों से न बचाते तो उसकी जान चली जाती तो कौन जिम्मेदार होता?" क्यों कि उसे कुत्तों ने मारने के लिए दौड़ाया था। लेकिन सरकार को आरिफ और सारस की दोस्ती सरकार को अच्छी नहीं लगी। उन्होंने कहा कि ये पशु पक्षियों के भी दुश्मन है। उन्होंने कहा कि भाजपा को सांड सफारी बनाना चाहिए।



बता दें कि लोहिया का जन्म 1910 में आज ही के दिन हुआ था। लोहिया एक स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी विचारों को मानने वाले थे। उन्होंने वंचित समुदायों के राजनीतिक सशक्तीकरण के लिए भी काम किया और कांग्रेस के तत्कालीन आधिपत्य के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने का काम भी किया। उनका निधन 1967 में हुआ था।  

Content Writer

Ramkesh