स्टेट लेवल की महिला खिलाड़ियों ने खुद पर तेजाब डाल कर रची प्रेमी को जेल से छुड़ाने की झूठी साजिश

punjabkesari.in Sunday, Mar 04, 2018 - 01:10 PM (IST)

मेरठः मेरठ में स्टेट लेवल की महिला खिलाड़ियों पर तेजाब डालने के मामले में बड़ा ट्विस्ट आ गया है। पुलिस जांच में तेजाब कांड फर्जी पाया गया। यानी महिला खिलाड़ियों ने खुद ही अपने ऊपर तेजाब डालने की साजिश रची और झूठा आरोप लगाकर एक रेप पीड़िता को जेल भिजवा दिया। लेकिन महिला खिलाड़ियों के मंसूबों पर उस समय पानी फिर गया जब पुलिस ने घटना का खुलासा कर तेजाब कांड को फर्जी बता दिया।

जानिए पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक मेरठ में 28 फरवरी की सुबह कुश्ती और बॉक्सिंग की स्टेट लेवल की खिलाड़ी गरिमा और शालू पर तेजाब फेंकने का मामला सामने आया था । दोनों खिलाड़ियों को गंभीर बताते हुए मेरठ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनके परिजनों ने अपनी बेटियों के लिए न्याय की गुहार लगाते हुए एक सोनी नाम की महिला और उसके 2 सहयोगी पर तेजाब फेंकने का आरोप लगाया था । उस समय इस तेजाब कांड के तार जेल से जुड़े बताए गए थे। 

परिजनों ने बताई थी यह कहानी
परिजनों ने बताया था कि जेल में मिलाई के दौरान सोनी और शालू में झगड़ा हो गया । इसी झगड़े को लेकर शालू और गरिमा पर तेजाब फेंक दिया था। पुलिस ने भी आनन-फानन में पीड़ित की बात पर यकीन करते हुए सोनी को गिरफ्तार कर लिया और उसे जेल भेज दिया।

पुलिस ने किया खुलासा
उधर, सोनी को जेल भेजने के बाद पुलिस जांच शुरू हो गई। जांच की कमान एएसपी सतपाल सिंह को सौंपी गई। एएसपी ने जब घटना के अलग-अलग पहलुओं पर जांच की तो हकीकत खुल कर सामने आ गई। दरअसल शालू के प्रेम संबंध एक राजीव खीरी नाम के शख्स से हैं। राजीव वही शख्स है जो मेरठ के होटल ऑल इज वेल में गैंग रेप कांड का आरोपी है और इस समय जेल में है। शालू लगातार अपने प्रेमी से जेल में मुलाकात करती रही है। जहां से एसिड अटैक की कहानी ने जन्म लिया। राजीव और शालू ने सोनी को फंसाने की साजिश रची। ताकि गैंगरेप के मुकदमे में दबाव बनाया जा सके और एसिड अटैक के मुकदमे को वापस लेने की आड़ में गैंग रेप कांड के मुकदमे को भी वापस करा दिया जाए और राजीव खीरी जेल से बाहर आ जाए। लेकिन पुलिस के खुलासे के बाद महिला खिलाड़ी अपने जाल में फंस गई।

आरोपियों को जेल भेजने की तैयारी 
फिलहाल अब पुलिस जेल भेजी गई महिला को रिहा करवाने के साथ-साथ साज़िश रचने वाली महिला खिलाड़ियों को पीड़िता की शिकायत पर जेल भेजने की तैयारी कर रही है। कहते हैं गुनहगार चाहे जितना भी शातिर हो लेकिन गुनाह के सबूत कहीं ना कहीं छूट ही जाते हैं। लेकिन इसे शायद मेरठ पुलिस की काबिलियत ही कहेंगे जो बेगुनाह को जेल भेजे जाने के बावजूद भी अपनी गलती और गुनहगारों की कारगुजारियों से पर्दा उठा दिया और अब असली गुनहगारों को जेल भेजने की तैयारी में जुटी है।