UP में महिला कांस्टेबल भी नहीं सुरक्षित, SHO पर लगाया गाल खींचनेे और हाथ पकडऩे का आरोप

punjabkesari.in Friday, Oct 02, 2020 - 12:27 PM (IST)

बुलंदशहर: सीएम योगी आदित्यनाथ भले ही महिलाओं की सुरक्षा के लाख दावे करें मगर यूपी में महिला अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहा। बुलंदशहर में तो एन्टी रोमियो सेल की अविवाहित महिला कांस्टेबल ही सुरक्षित नहीं है। लेडी कांस्टेबल ने गुलावठी कोतवाली प्रभारी (एसएचओ) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता का आरोप है कि कोतवाल जब चाहे पीड़िता का गाल खीचते हैं, हाथ पकड़ते हैं, कमर पर हाथ ( बेड टच )कर शारीरिक व मानसिक शोषण करते हैं। इस मामले में पीड़िता पुलिस और प्रशासन के आला अफसरान से शिकायत कर चुकी है, और अब पीड़िता ने इसकी शिकायत सीएम पोर्टल पर भी की है। रिपोर्ट देखिए-

उत्तर प्रदेश पुलिस की ये महिला कांस्टेबल छात्राओं को तो मजनूओं से बचने के लिए गुर सिखा रही है, उन्हें बता रही है कि यदि कोई छेडख़ानी करे तो 1090 पर फोन कर तत्काल पुलिस की मदद लें, मगर जब रक्षक की भक्षक को तो फिर शिकायत किससे हो? मजनुओं से बचने का सबक देने वाली पीड़िता कॉन्स्टेबल को क्या इल्म था कि सबसे सुरक्षित माने जाने वाले उसके ख़ुद के थाने का कोतवाल ही उसका शारीरिक और मानसिक शोषण करेगा। जी हां बिल्कुल ठीक सुना आपने क्योंकि यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ऐसा एंटी रोमियो सैल की अविवाहित कॉन्स्टेबल ख़ुद कह रही है। पीड़ित महिला कांस्टेबल की माने तो वर्तमान समय मे बुलंदशहर के महिला थाने में तैनात है, महिला कांस्टेबल जुलाई 2020 तक गुलावठी कोतवाली में तैनात थी। आरोप है कि गुलावठी में तैनात यूपी पुलिस का रंगीला ये इंस्पेक्टर सचिन मालिक उसके अकसर गाल खींचता था, कभी कंधे पर हाथ रखता और कभी हाथ पकड़कर अपने पास खीचता, आरोपी कभी थाने आने वाले अपने दोस्तों के साथ फ्रैंडशिप के लिए दबाव बनाता, तो कभी अपने चहेते कांस्टेबल सचिन उज्ज्वल से भी दोस्ती का दबाव बनाता था। इतना ही नहीं जब महिला आरक्षी ने इसका विरोध किया आरोपी महिला आरक्षी के चरित्र पर उंगली उठाने लगा। आरोप है कि थाना प्रभारी सचिन मलिक ने उसको शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। इतना ही नहीं महिला का थाने के ट्रांसफर होने के बाद भी सचिन मलिक द्वारा उत्पीडऩ कम नहीं हो रहा है। पीड़ित महिला सिपाही की माने तो मामले की शिकायत एसएसपी व डीएम से की, मगर अभी तक दबंग रंगीले कोतवाल पर कार्यवाही नही हुई। अब पीड़िता ने आई जी, डीजी से रंगबाज कोतवाल की शिकायत की है, साथ ही मुख्यमंत्री को भी पोर्टल पर शिकायत कर न्याय व कार्यवाही की गुहार लगायी है। 

विशाखा समिति की रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई: एसपी 
वहीं बुलंदशहर एसएसपी संतोष कुमार सिंह का दावा है कि ऐसे मामलों की जांच विशाखा समिति करती है। इसीलिए प्रकरण की जांच विशाखा समिति को दे दी गई है और 1 सप्ताह में रिपोर्ट तलब की गई है। विशाखा समिति की रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही करने का एसएसपी दावा कर रहे हैं।

खैर अब देखने वाली बात ये होगी कि बेटियों को अत्याचार और अपराध के खिलाफ लडऩे को तैयार करने वाली पीड़ित महिला कांस्टेबल के ख़ुद उत्पीडऩ मामले में विशाखा समित क्या जांच करती है, और उत्पीडऩ के खि़लाफ़ खड़ी होने वाली इस महिला कांस्टेबल को कब तक इंसाफ मिल पाता है। 

Ajay kumar