कोख से अजन्मी बेटियों के लिए 15 साल से महिलाएं कर रहीं एेसा, पढ़िए क्यों

punjabkesari.in Monday, Sep 18, 2017 - 11:27 AM (IST)

कानपुरः उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में महिलाओं और लड़कियों ने उन अजन्मी बेटियों के लिए यज्ञ किया, जिन्हें दुनिया में आने से पहले कोख में मार दिया जाता है। इसके साथ-साथ इन महिलाओं ने अपने पुरखों और शहीदों के लिए भी यज्ञ किया।

क्यों करते हैं यह यज्ञ
जानकारी के अनुसार यह यज्ञ शहर के सरसैया घाट पर किया जाता है। इन महिलाओं और लड़कियों ने पूरे वैदिक रीति रिवाज और हिन्दू कर्मकांड विधान के मुताबिक अपनी पूर्वजों और परिवारजनों को पिंड अर्पित किए और स्नान अर्घ्य आदि देकर उनकी आत्माओं की शान्ति और मुक्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

15 साल पहले किया था शुरू
दरअसल जाजमऊ के लालबंगला इलाके के रहने वाले मनोज सेंगर ने बताया कि 15 साल पहले मोहल्ले की एक महिला उनके पास पितृपक्ष में आई और उनसे कहने लगी कि उसके पति की मृत्यु हो चुकी है। जिनकी आत्मा की शान्ति के लिए वो पिंडदान कर यज्ञ करना चाहती है। उनके मुताबिक उस महिला ने बताया कि कोई भी पंडित उसके हाथों से यज्ञ करने को तैयार नहीं है, क्योकि पंडितों का कहना था कि महिलाएं यज्ञ नहीं कर सकती। इसके बाद मनोज सेंगर ने कई पंडितों से बात की और कर्मकांड के किताबों को पढ़कर उस महिला से लालबंगले में ही यज्ञ का कार्य पूरा किया था।

नारी पुरुषों से पीछे नहीं:- लेफ्टिनेंट कर्नल 
इस आयोजन में शामिल लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ प्रभा अवस्थी ने बताया कि आज के पुरुष प्रधान समाज में नारी किसी भी रूप में पुरुषों से पीछे नहीं है। सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि जिनके घर या परिवार में कोई पुरुष नहीं उनके पुरखों या पूर्वजों को आखिर कौन पानी देगा?

चैलेंज नहीं कर रहे:- असिस्टेंट कमिशनर
वहीं असिस्टेंट कमिशनर सेल्स टैक्स आयुषी दीक्षित ने कहा कि ये यज्ञ कर हम किसी को चैलेंज नहीं कर रहे बल्कि महिलाओं के लिए एक नया दरवाजा खोलने का काम कर रहे हैं। ऐसे में ऐसी महिलाओं को आगे आकर अपने पूर्वजों और परिजनों का अपने हाथों से श्राद्ध और यज्ञ करना चाहिए।