अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर महिला खिलाड़ियों को किया गया सम्मानित

punjabkesari.in Friday, Jan 24, 2020 - 06:51 PM (IST)

सहारनपुर: उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के जनमंच सभागार में अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस एवं उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लिंग के आधार पर हो रहे भेदभाव को खत्म करने और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का भी संदेश दिया गया।
PunjabKesari
बता दें कि यह दिन खासतौर से लड़कियों को समर्पित है। इसका मेन उद्देश्य लड़कियों को समान अधिकार देना, उन लड़कियों को जिन्हें असमानता का सामना करना पड़ता है उनको दुनिया के सामने लाना और लोगों के बीच बराबरी का अहसास पैदा कर पाना, लड़कियों के अधिकार शिक्षा स्वास्थ्य और पोषण समेत कई विषय पर जागरूकता पैदा करना है। वहीं कार्यक्रम में दूरदराज से पहुंची नेशनल महिला अर्जुन अवॉर्डी खिलाड़ी अलका तोमर व पैराओलंपिक इंटरनेशनल चैंपियन पलक कोहली ने पंजाब केसरी टीवी से खास बातचीत करते हुए महिलाओं को आगे आने का एक संदेश भी दिया।
PunjabKesari
इस दौरान अर्जुन अवॉर्डी अलका तोमर ने सर्वप्रथम राष्ट्रीय बालिका दिवस पर इतना अच्छा प्रोगाम जनपद में आयोजित करने के लिए सहानरपुर डीएम का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि ज्यादा संख्या में यहां लड़कियां दिखी जो बहुत ही सुंदर नजारा था। जितनी भी खिलाड़ी यहां पर सम्मानित हुई हैं चाहे वो पैराएथलीड या मेरा सम्मान हुआ है यह यादगार पल रहेगा। यह उन महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का विषय बनेगा। तोमर ने कहा कि कभी भी अपना हौसला तोड़ना नहीं चाहिए बल्कि मजबूत रखना चाहिए। हरेक को अपना ऐम बनाकर रखना चाहिए कि हमें किस ऐम पर जाना है तभी हमें हमारी मंजिल मिलती है। जैसा कि पैरा एथलीट यहां सम्मानित हुई है उनसे हमें भी एक प्रेरणा मिली है कि कैसे इतनी प्राबलम के बावजूद वो यहां तक पहुंची है। आज बहुत खुशी हुई है कि उनकी एक पहचान है उनको उनके नाम से जाना जाता है।
PunjabKesari
पैराओलंपिक इंटरनेशनल चैंपियन पलक कोहली पर ऐ कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है कि किसी चीज को शिद्दत से चाहों तो सारी कायनात उसे मिलाने में जुट जाती है। आप स्पष्ट देख सकते हैं कि एक फिजिकली इनको प्राबलम है एक्सीडेंट में इनका एक हाथ कट गया है जिसके बावजूद ऐ इस मुकाम तक पहुंची हैं। पलक ने बताया कि लड़कियां किसी भी मायने में लड़को से कम नहीं हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि जब एक लड़की को डिसविलिटी देखा जाता है चाहे वो हाथ का हो, पैर का हो या कहीं और का हो तो उसे सबसे पहले एक टैगलाइन दिया जाता है कि ‘वेचारी’ इस वेचारी से क्या होगा। यह एक निगेटिव वर्ड है इस वर्ड को प्रूफ तब किया जाता है जब हम अपने को पोजिटिव की ओर प्रूफ करें। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Ajay kumar

Recommended News

Related News

static