वट सावित्री व्रतः वृक्ष के फेरे लगाकर महिलाओं ने की पति की लंबी उम्र की कामना

punjabkesari.in Monday, Jun 03, 2019 - 11:07 AM (IST)

रायबरेलीः वट सावित्री व्रत के अवसर पर रायबरेली में महिलाओं ने बरगद के वृक्ष के फेरे लगाकर पूजा अर्चना कर पति की लंबी उम्र की कामना की। सोमवार अमावस्या के चलते महिलाओं ने पीपल के वृक्ष की भी पूजा अर्चन की। गर्मी की चलते सुबह से ही जनपद के प्रगति पुरम, कल्लू का पुरवा, रतापुर सहित अन्य स्थानों पर बरगद व्रक्ष की पूजा में महिलाओं का तांता लगा रहा।

जिसको लेकर महिलाओं ने तैयारियां कर पूड़ी चने खरबूजे सहित अन्य सामग्री को भोग लगाकर पूजा अर्चन किया। वैसे तो वेदों में किसी मूर्त, जड़, वृक्ष, समाधी आदि की पूजा का विधान नहीं है। हां, जड़ प्रकृति की प्रार्थना का जरूर उल्लेख मिलता है। पुराणों में वृक्ष पूजा और परिक्रमा का बड़ा महत्व बताया गया है। हिन्दू धर्मानुसार वृक्ष में भी आत्मा होती है। वृक्ष संवेदनशील होते हैं और उनके शक्तिशाली भावों के माध्यम से आपका जीवन बदल सकता है। वृक्षों के संवरक्षण और इससे मनुष्य के द्वारा लाभ प्राप्ति के हेतु कुछ विधान बनाए गए, उन्ही में से दो पूजा और परिक्रमा है।

वट सावित्री व्रत आज के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के ल‍िए व्रत रखती हैं मान्‍यता है क‍ि इस व्रत के प्रताप से पति पर आए संकट दूर हो जाते हैं और दांपत्‍य जीवन खुशियों से भर जाता है। उसी को लेकर आज महिलाओं ने सुबह से ही लम्बी कतारों में वट वृक्ष की पूजा अर्चना करने पहुंची। विधि विधान से पूजा कर जल ग्रहण किया और अपने पति की लंबी उम्र की कामना की। यही नहीं आज सोमवार अमावस्या होने के चलते महिलाओं ने पीपल की भी पूजा की।

इस व्रत को लेकर अगर ऋषियों की मानें तो मंगल मुहूर्त में पीपल वृक्ष की नित्य तीन बार परिक्रमा करने और जल चढ़ाने पर दरिद्रता, दु:ख और दुर्भाग्य का विनाश होता है। पीपल के दर्शन-पूजन से दीर्घायु तथा समृद्धि प्राप्त होती है। अश्वत्थ व्रत अनुष्ठान से कन्या अखण्ड सौभाग्य पाती है। कहते है अमावस्या के दिन पीपल वृक्ष के पूजन से शनि पीड़ा से व्यक्ति मुक्त हो जाता है। श्रावण मास में अमावस्या की समाप्ति पर पीपल वृक्ष के नीचे हनुमान की पूजा करने से सभी तरह के संकट से मुक्ति मिलती है।

Tamanna Bhardwaj