विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल मेला शनिवार से शुरू, देवी की प्रतिमा छू कर दर्शन-पूजन पर प्रतिबंध

punjabkesari.in Friday, Oct 16, 2020 - 01:03 PM (IST)

मिर्जापुर: विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल नवरात्रि मेला शनिवार से शुरू हो रहा है। कोरोना महामारी को देखते हुए जिला प्रशासन ने शारीरिक दूरी बनाए रखने का दावा किया है। मंदिर के गर्भ गृह में मां विन्ध्यवासिनी देवी की प्रतिमा को छू कर दर्शन पूजन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही स्थानीय पंडा, पुरोहित एवं नाईयो के लिए ड्रेस कोड निर्धारित किया गया है। मेले की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलो के साथ लगभग ढाई हजार पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। पूरा मेला क्षेत्र सीसीटीवी कैमरे के जद में रहेगा।

नौ दिन के इस मेले में इस बार भीड़ का अनुमान लगाने में जिला प्रशासन और पंडे भी असमंजस की स्थिति में है। बिन्ध्याचल मंडल की कमिश्नर प्रीति शुक्ल एवं पुलिस महानिरीक्षक पीयूष श्रीवास्तव ने दौरा कर आवश्यक निर्देश दिए हैं। कोरोना महामारी को देखते हुए मेला जिला प्रशासन के लिए चुनौती है। जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने कहा कि मेला क्षेत्र को आठ जोन और 18 सेक्टरों में विभाजित कर सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। सभी जोनो के मजिस्ट्रेट एवं सेक्टरों के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं।

कोरोना महामारी के संकट को देखते हुए मास्क और शारीरिक दूरी का अनुपालन एक चुनौती है। इसके लिए बैरिकेडिग कर निर्धारित दूरी पर गोले बनाए गए हैं। पुलिस को एक अनुपात में ही दर्शनार्थियों को छोड़ने और रोकने के लिए निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि गंगा घाटों पर स्नान एवं कपड़े बदलने की व्यवस्था पूरी कर ली गई है। सफाई के लिए दो सौ से अधिक कर्मियों को सिफ्ट वार लगाया गया है जो चौबीस घंटे सफाई करते रहेंगे। त्रिकोण पथ एवं तीनों मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था के साथ बिन्ध्य पर्वत माला की पहाड़ियों की अलग से व्यवस्था की गई है। मेले के दौरान विंध्याचल आने-जाने के लिए रोड डायवर्जन किया गया है।

सुरक्षा व्यवस्था के विषय में प्रभारी पुलिस अधीक्षक संजय वर्मा ने कहा कि मेले की सुरक्षा में अर्धसैनिक बल के जवानों के साथ 1800 सिपाही, 16 इंस्पेक्टर, 202 सब इंस्पेक्टर आठ उपपुलिस अधीक्षक एवं अपर पुलिस अधीक्षक को तैनात किया गया है। घुड़सवार पुलिस, जल पुलिस, फायर पुलिस, बम डिस्पोजेबल दस्ता भी तैनात किया गया है। वर्मा ने कहा कि आपात पुलिस चौबीस घंटे किसी स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद रहेगी। 

Umakant yadav