विश्व हिंदी दिवसः दुनिया के 75 देशों के हिंदी भाषियों को एक मंच पर लाया Koo App

punjabkesari.in Monday, Jan 10, 2022 - 04:10 PM (IST)

लखनऊ: सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्ताँ हमारा, हिंदी हैं हम वतन हैं, हिंदोस्ताँ हमारा एक सदी से भी पहले प्रसिद्ध शायर मुहम्मद इक़बाल की लिखी गई यह देश प्रेम की ग़ज़ल आज भी हर हिंदुस्तानी में हिंदी और राष्ट्रीयता की भावना जगाती है। सोशल मीडिया के तेज़ी से बढ़ते दायरे ने हिंदी को प्रमुखता से पेश किया और अब देश के पहले मेड-इन-इंडिया माइक्रो-ब्लॉगिंगप्लेट फ़ॉर्म Koo App ने दुनिया भरके हिंदी बोलने वालों को अभिव्यक्ति का ज़बरदस्त मंच दे दिया है।आलम यह है कि कुल दो करोड़ डाउनलोड मील का पत्थर हासिल कर चुके इस मंच परदुनिया के 75 देशों के यूजर्स हिंदी में Koo करते हैं। विश्व हिंदी दिवस के मौक़े पर भारत में हिंदी को बढ़ाने में Koo App की भूमिका पर चर्चा करना बेहद ज़रूरी  हो जाता है। 

हिंदी समेत 10 भाषाओं में लॉन्च किए जा चुके Koo App पर हिंदी सर्वाधिक लोकप्रिय भाषा के रूप में मौजूद है। भारत ही नहीं दुनिया में 
 इस ऐप पर हिंदी Koo करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। फिलहाल इस मंच पर अमेरिका, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर, नाइजीरिया, यूएई, नेपाल, ईरान समेत 75 देशों से यूजर्स हिंदी में Koo करके अपने दिल की बात ऑनलाइन रखते हैं। इस देसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने लॉन्चिंग के 21 महीने में ही 2 करोड़ डाउनलोड्स का आंकड़ा पार कर लिया है। हिंदी को जबर्दस्त ढंग से प्रसिद्धि दिलाने वाले इस ऐप पर फिलहाल हिंदी यूजर्स की कुल संख्या 76 लाख है। 

भारत में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र हिंदी में Koo करने वाले टॉप हिंदी प्रदेश हैं। अगर शहरों की बात करें तो Koo App पर 45 से ज्यादा प्रतिशत लोग टियर I शहरों से हिंदी में अपनी पोस्ट करते हैं, जब कि टियर II औ रटियर III शहरों से 55 फीसदी यूजर्स हिंदी पोस्ट करते हैं।अगर बात करें हिंदी में Koo करने वाले इन शहरों की तो इन में सब से ऊपर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का नाम है।  

इसके अलावा अगर हिंदी में Koo करने वाले यूजर्स के व्यवसाय को देखें तो टॉप सूची में प्रोफेशनल, कवि, अभिनेता, समाजसेवी/ एक्टिविस्ट, बिजनेस ओनर्स, लेखक, छात्र, शिक्षक, राजनेता, पत्रकार और मीडिया शामिल हैं। इस ऐप पर तमाम क्षेत्रों से देश की दिग्गज हस्तियां नियमित रूप से अपनी जुबान में  Koo करती हैं और लोगों से संवाद स्थापित करती हैं। Koo App पर तेजी से जुड़ते नए यूजर्स के साथ इस वर्ष डाउनलोड का आंकड़ा 10 करोड़ पार होने की उम्मीद है।

इस संबंध में Koo App के प्रवक्ता ने कहा, “विश्व हिंदी दिवस के मौके पर हमें यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि इस पर मंच 75 देशों केयूजर्स हिंदी में चर्चा करते हैं। यह ऐपना केवल भारत बल्कि दुनिया भर के हिंदी बोलने वालों को एक साथ जोड़ता है, जो हमारे मकसद से मेल खता है। Koo App भाषाओं को लोकतांत्रिक करता है और दुनिया मेंइसमंचपरहिंदीकाभीप्रमुखस्थानहै।आनेवालेवक्तमें Koo App हिंदी समेत अन्य भारतीय भाषाओं को और सशक्त बनाने के लिए कई और फीचर्स पेश करेगा।” 

हिंदी की प्रसिद्धि

दरअसल, संविधान की धारा 343(1) केअनुसार भारतीय संघ की राज भाषा हिंदी एवं लिपि देवनागरीहै।आठवीं अनुसूची में शामिल हिंदी हमारे देश की राज भाषा होने के साथ-साथ दुनिया भर में तीसरी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है। जबकि भारत में करीब 10 प्रतिशत ऐसी आबादी है, जो अंग्रेजी भाषा बोलती-समझती है। इसकेअलावा बाकी की 90 प्रतिशतआबादी विभिन्न भाषाओं में बात करती है। अगर आँकड़ों की बात करें तो वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक़ भारत में 121 विभिन्न भाषाएँ हैं, जो बोली और समझी जाती हैं। इनमें हर एक भाषा को कम से कम 10 हज़ार से ज़्यादा लोग बोलते हैं। 

वहीं, देश में हिंदी और अंग्रेज़ी को केंद्र सरकार ने काम-काज की आधिकारिक भाषा बनाया हुआ है। हालाँकि राज्यों में उनकी भाषाएँ अलग-अलग हो सकती हैं। विशेष रूप से दक्षिण भारतीय राज्यों में इसे स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है। जब कि देश में 22 भाषाओं को संवैधानिक रूप से आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राज भाषा विभाग की मासिक ई-बुक राज भाषा भारती में छपे लेखके मुताबिक आज पूरी दुनिया में 64 करोड़ लोगों की मातृ भाषा हिंदी है और 24 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाने वाली दूसरी भाषा है। दुनियाके 150 विश्वविद्यालयों में हिंदी का पठन-पाठन होता है, जब कि पश्चिमी देशों में क़रीब 35,000 छात्र हिंदी पढ़ते हैं। 

Koo के बारे मे

Koo App की लॉन्चिंग मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं के एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंगप्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी, ताकि भारतीयों को अपनी मातृ भाषा में अभिव्यक्ति करने में सक्षम किया जा सके।स्मार्ट फ़ीचर्स वाला Koo App वर्तमान में हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, असमिया, बंगालीऔरअंग्रेजीसमेत 10 भाषाओं में उपलब्ध हैं। राजनीति, खेल, मीडिया, मनोरंजन, आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति के मशहूर लोग द्वारा अपनी मूल भाषा में दर्शकों से जुड़ने के लिए  सक्रिय  रूप  से मंच का लाभ उठाते हैं। 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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