विश्व गौरैया दिवसः दें संरक्षण ताकि बरकरार रहे इनकी चहचहाहट

punjabkesari.in Friday, Mar 20, 2020 - 05:57 PM (IST)

गोरखपुरः गौरैयों की चहचहाहट किसे पसंद नहीं होती है। यह नन्हीं सी चिड़िया पहले हर घर की सदस्य हुआ करती थी। दुखद है कि आज इनकी प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है। ऐसे में जरूरी है कि  गौरैयों के संरक्षण के लिए हम आगे आएं। इनके संरक्षण की सही तस्वीर पेश की है गोरखपुर के सुजीत कुमार व बहराइच के मुकेश जायसवाल ने जिनके यहां आपको गौरैयों का पूरा संसार ही देखने को मिल जाएगा।

सुजीत कुमार के घर पर गौरैयों की चार सौ घरों (घोंसलों) से इनकी चहचहाट आपको सुकून देगी। दरअसल यह यूं ही नहीं बसा है इसके पीछे बड़ी खुबसुरत कहानी है। इसके पीछे है लगन और तपस्या की लंबी यात्रा। लगभग 18 वर्ष पूर्व सुजीत के घर गौरैया का परिवार कहीं से भटक कर आ गया तो उनके आगे चावल के दाने बिखेर दिए। गौरैयों ने खाया। इन दानों में उनको प्यार दिखा तो महफूज हाथों का दुलार भी। यह सिलसिला चलता रहा। धीरे-धीरे उनके साथ अन्य गौरैया भी आने लगीं। घर में ही घोंसला बनाने लगीं तो सुमित के साथ उनके परिवार ने चिडिय़ों के घरों को संवारना शुरू कर दिया, पूरा संरक्षण दिया। घर की सदस्यों की तरह ही उनकी भी देखभाल होती है।

वहीं बहराइच के पुलिस लाइन रोड निवासी मुकेश जायसवाल की बगिया भी गौरैयों की चहचहाहट से गुलजार है। यहां से 20 वर्ष पहले शुरू हुई गौरैया संरक्षण की मुहिम अब अभियान का रूप ले चुकी है। वर्ष 2016 में कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के तत्कालीन डीएफओ आशीष तिवारी की पहल पर उन्होंने घोसलों का वितरण आमजन में शुरू किया। वे अब तक एक हजार से अधिक घोसले बांट चुके हैं। परिणाम स्वरूप उनके बाग व आंगन में तो गौरैया फुदक ही रही है, बल्कि तराई में घर-घर गौरैया के संरक्षण के अनुकुल आबोहवा भी बह रही है।

प्रभागीय वनाधिकारी बीसी ब्रह्मा ने बताया कि कोरोना के कारण इस बार गौरैया दिवस को लेकर लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। छत पर पानी व दाना रखें। हरियाली पर जोर दें। सुजीत के जरिये अन्य लोगों को भी प्रेरित किया जाएगा।

जानें गौरैया को...

1.गौरैया की कुल प्रजातियां-21

2.भारत में रहने वाली प्रजातियां-6

3.लंबाई-14 से 16 सेमी

4.वजन-25 से 32 ग्राम तक

 

Ajay kumar