रामनगरी में भाईदूज पर मृत्यु के देवता यमराज की पूजा, जानें महत्व और कारण…
punjabkesari.in Thursday, Oct 23, 2025 - 02:37 PM (IST)
अयोध्या: रामनगरी अयोध्या जहां के कण-कण में भगवान राम विराजते हैं दीपावली के तीसरे दिन रामनगरी अयोध्या में एक अनोखा पर्व मनाया जाता है। यह पर्व है यमद्वितीया,,काल के देवता यमराज की पूजा के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ सरयू तट पर उमड़ती है। यमथरा घाट, जिसे यमराज की तपोस्थली माना जाता है, पर कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया के अवसर पर श्रद्धालु सुबह-सुबह सरयू में स्नान कर अपने आप को पवित्र करते हैं,, यहां महाराज यमराज की पूजा-अर्चना कर लोग भयमुक्त और दीर्घायु होने की कामना करते हैं।
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, यमराज ने इस तपोस्थली को अयोध्या माता से प्राप्त किया था,, माना जाता है कि इस घाट पर यमराज की पूजा करने वाले कभी मृत्यु या काल के भय से मुक्त रहते हैं,, यही वजह है कि श्रद्धालु यहां बड़ी श्रद्धा और विश्वास के साथ आते हैं।
विशेष रूप से यमद्वितीया पर बहनें व्रत रखकर अपने भाई की लंबी उम्र और कल्याण की कामना करती हैं,, यह परंपरा भाई-बहन के रिश्ते की मिठास और सुरक्षा की भावना को भी मजबूत करती है,, यमराज की पूजा के साथ ही दिवाली में पूजा गई गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियों का विसर्जन भी इसी दिन सरयू में किया जाता है,, इससे पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व और बढ़ जाता है,, इस तरह, यमद्वितीया का मेला और यमराज की पूजा अयोध्या में श्रद्धा, भक्ति और भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक बनकर हर साल दीपावली के पर्व को और भी खास बना देता है।
देवता यमराज की पूजा
बता दें कि, काल के देवता यमराज की पूजा के लिए अयोध्या में श्रद्धालु लगातार पूजा के लिए पहुंच रहे हैं,,वहीं दीवाली समेत अन्य पर्वों की धूम अब भी अयोध्या में देखने को मिल रही है,,जिससे रामनगरी में भक्तिमय माहौल देखते ही बन रहा है,, पंजाब केसरी टीवी के लिए अयोध्या से संजीव आजाद की रिपोर्ट

