एक साल पहले बने शौंचालय का अब खोदा जा रहा है गड्ढा, क्या ऐसे स्वच्छ होगा भारत?

punjabkesari.in Friday, May 19, 2017 - 02:01 PM (IST)

गाजीपुरः जहां भारत सरकार स्वच्छता के लिए कई योजनाएं चला रही है, वहीं योगी सरकार भी गंगा निर्मलीकरण और स्वच्छता को देखते हुए गंगा किनारे के गांवों को शौचालयों की सौगात देकर उसे खुले में शौचमुक्त(ओडीएफ) कराने की योजना चला रही है। परन्तु ये शौचालय गांवों में कितना बन पा रहे हैं और इसका लाभ ग्रामीण कितना उठा पा रहे हैं, इसकी बानगी गाजीपुर के रेवतीपुर गांव में देखने को मिल रही है। यहां जांच के आदेश के डर से एक साल पूर्व बनने वाले शौचालय का गड्ढा अब खोदा जा रहा है।

जानिए पूरा मामला
बता दें कि शौचालयों के निर्माण के लिए सरकार 12000 रूपया का बजट दे रही है, ताकि भारत सरकार की स्वच्छता मिशन को पंख लग सके। परन्तु गाजीपुर में शौचालयों के निर्माण कुछ अलग तरीके से ही देखने को मिल रहा है जहां पर एक साल पूर्व बने शौचालयों का गड्ढा अब खोदा जा रहा है।

प्रति शौचालय 12 हज़ार रूपए देती है सरकार 
जानकारी के अनुसार रेवतीपुर ग्राम सभा को जोकि गंगा किनारे स्थित है। यहां पिछले साल 3 बार में 1625 शौचालयों के निर्माण के लिए प्रति शौचालय 12000 रूपया के हिसाब से बजट आया। ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी ने मानक को ताक पर रखकर शौचालय बनाना आरंभ कराया, जिसमें घटिया किस्म की सामग्री के साथ ही कम ऊंचाई के गड्ढे पर शौचालय का निर्माण करा पैसों की बंदरबांट कर ली गई।

अब तक लोग बने हुए शौचालयों का भी नहीं कर रहे उपयोग
इस दशा में लाभार्थियों ने आज तक इसका उपयोग करने के बजाय खुले में ही शौच करना मुनासिब समझा और इसकी शिकायत अपने ही गांव के ब्लाक प्रमुख से की।प्रमुख ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी तक इसकी शिकायत की। शिकायत पर इसकी जाँच ब्लाक के खण्ड विकास अधिकारी को सौपी गई।

उन्होंने भी जांच के बाद पाया कि शौचालयों के निर्माण में अनियमितता की गई है, वहीं कुछ लोग जिनका शौचालय सही है वह भी उसका उपयोग नहीं कर रहे हैं जिसके लिये उसने प्रधानमंत्री मोदी से ऐसे लोगों को सरकारी सुविधों पर रोक लगाने की अपील की।जिला पंचायत राज अधिकारी ने भी इस निर्माण में कमी की बात स्वीकार किया और बताया कि जांच चल रही है और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।