Chitrakoot: पीला पलाश का फूल बना अजूबा! औषधि,पूजा और तंत्र से लेकर खजाने तक में है इसका बड़ा महत्त्व

punjabkesari.in Friday, Mar 17, 2023 - 11:38 AM (IST)

चित्रकूट(वीरेंद्र शुक्ला): चैत्रमाह में पलास के पेड़ों ( Palash Tree) में खिलने वाले टेशू के फूलों (flower) का बड़ा महत्व है। टेशू का फूल मां दुर्गा (Maa Durga) का सबसे प्रिय फूल (Flower) माना जाता है। पलास के पेड़ों में लगने वाला टेशू फूल शास्त्रों में तीन रंग लाल (Red), सफेद (White) और पीले (Yellow) रंग के होने का उल्लेख है! मगर सफेद और पीला फूल किसी अजूबे से कम नहीं। राम की तपोभूमि  चित्रकूट (Chitrakoot) में एक ऐसा पलाश का पेड़ है, जिसमें पीला टेशू का फूल निकलता है। ये फूल लोगों के कौतूहल का विषय बनता है तो वहीं लोग इसके फूल को औषधीय रूप के साथ-साथ आध्यात्मिक और तांत्रिक महत्व में भी इस्तेमाल करते हैं।

पीला पलाश का फूल बना अजूबा, शास्त्रों में है इसका उल्लेख
सूत्रों के मुताबिक, पूरे देश में पलास के पेड़ मिल जाएंगे और उसमें खिलने वाला लाल रंग का टेशू का फूल भी बड़े आराम से मिलेगा। ये फूल चैत्र मास में निकलते हैं। मगर चित्रकूट के चितहरा काली मंदिर के पास में एक ऐसा पलास का पेड़ है जिसमें पीले रंग का टेशू फूल खिलता है। जिससे दूर-दूर से लोग यहां इस पेड़ को देखने आते हैं। इस पेड़ को काली मंदिर के तत्कालीन महंत द्वारा संरक्षित किया गया था। लोग इस पेड़ के फूल को चुनकर ले जाते है, लोगों की मानें तो ये फूल अजूबा है।

औषधि,पूजा और तंत्र से लेकर खजाने तक में है इसका बड़ा महत्त्व
आपको बता दें कि ये फूल गंभीर से गंभीर रोगों में इस्तेमाल किया जाता है, तो वहीं लोगों का यह भी कहना है कि इसका फूल खजाने में रखने से खजाना कभी खाली नहीं होता है। तंत्र साधना में भी इस फूल का इस्तेमाल होता है। साथ ही देवी देवताओं को भी अर्पित किया जाता है। वनस्पति शात्र विशेषज्ञ भी इसे अजूबा ही मानते हैं।बहरहाल चैत्र नवरात्रि में इस पेड़ के फूल को लेने दूर-दूर से लोग आते हैं। फूल तोड़ने पर पाबंदी है। तो ऐसे में लोग नीचे जमीन पर गिरे फूलों को चुनकर ले जाते हैं। कुछ भी हो लोगों के लिए ये पलास का फूल किसी अजूबे से कम नहीं है।

Content Editor

Anil Kapoor