योगी सरकार ने विद्यालय को नि:शुल्क जमीन समेत कई महत्वपूर्ण फैसलों पर लगाई मुहर

punjabkesari.in Tuesday, Jun 16, 2020 - 07:36 PM (IST)

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने मंगलवार को बड़ा फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक सेवायोजन एवं रोजगार आयोग के गठन को मंजूरी दे दी गई है। जिससे प्रदेश के श्रमिकों की आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा पहले से ज्यादा सुदृढ़ होगी। इस फैसले से प्रदेश के अंदर ही श्रमिकों एवं कामगारों को कौशल विकास कर रोजगार के सुलभ अवसर उपलब्ध होगा। वहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। कामगारों एवं श्रमिकों के सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा के साथ उनके सर्वांगीण विकास में इस आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मंगलवार को हुए कैबिनेट बैठक में सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए।

सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कैबिनेट की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें 15 बिन्दुओं पर चर्चा के बाद मंजूरी प्रदान की गई है। इनमें उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक आयोग सबसे महत्वपूर्ण बिन्दु है। उन्होंने कहा कि आयोग का मकसद निजी और गैरसरकारी क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर श्रमिकों और कामगारों को उनके हुनर के अनुसार अधिकाधिक रोजगार मुहैया कराना और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है। जिसमें उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक सेवायोजन एवं रोजगार आयोग का गठन किया गया। इस आयोग का मकसद निजी और गैरसरकारी क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर श्रमिकों और कामगारों को उनके हुनर के अनुसार अधिकाधिक रोजगार मुहैया करवाना और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है।

मुख्यमंत्री होंगे इस आयोग के अध्यक्ष
उच्चस्तरीय प्रशासकीय संस्था के अध्यक्ष मुख्यमंत्री या उनके द्वारा नामित कोई कैबिनेट मंत्री होगा । श्रम एवं सेवा योजन विभाग के मंत्री संयोजक, मंत्री औद्योगिक विकास एवं मंत्री सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो उपाध्यक्ष होंगे। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त सदस्य सचिव होंगे। इसके अलावा कृषि, ग्राम्य विकास मंत्री, कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन, मुख्यमंत्री के ओर से नामित औद्योगिक एवं श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि, उनकी ओर से ही नामित उद्योगों के विकास एवं श्रमिकों के हित में रुचि रखने वाले 5 जनप्रतिनिधि और विशेष आमंत्रित इसके सदस्य होंगे। यह आयोग श्रमिकों और उद्योगों के बीच कड़ी का काम करेगा।

कैसे काम करेगा आयोग
जानकारी देते हुए सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि सेवायोजन विभाग की मदद से आयोग प्रदेश के सभी श्रमिकों की दक्षता का डाटा एकत्र करेगा ताकि किसी औद्योगिक इकाई को उसकी मांग के अनुसार ऐसे श्रमिकों को समायोजित किया जा सके। अपने मकसद के अनुसार आयोग काम करे इसकी निगरानी के लिए औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक बोर्ड या कार्यपरिषद भी गठित होगी। आयोग और राज्य स्तरीय बोर्ड की मंशा के अनुसार काम हो रहा है, उसकी निगरानी के लिए सभी जिलों में डी.एम. की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति भी होगी।

श्रमिकों और उद्दोगों के बीच की कड़ी होगा आयोग
सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि यह आयोग श्रमिकों और उद्योगों के बीच कड़ी का काम करेगा। उद्दोगों से जुड़ी इकाइयों की मांग के अनुसार कुशल श्रमिक उन्हें उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही इंडस्ट्री की मांग के अनुसार दक्षता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोग चलाएगा। इतना ही नहीं दूसरे राज्यों और देशों से श्रमिकों की जो मांग आएगी उसमें भी यह आयोग कड़ी की भूमिका निभाएगा। किसी भी जगह जब श्रमिकों को भेजा जाएगा तब उन्हें  न्यूनतम बुनियादी सुविधाएं जिसमें आवास, सामाजिक सुरक्षा, बीमा जैसी सुविधाओं को आयोग मुहैया कराएगा।

हर महीने होगी आयोग की बैठक
आयोग के काम को सुचारू रूप से चलाने के लिए साथ ही इसमें दिशा निर्देश देने के लिए आयोग की हर महीने एक बैठक होगी। इसी क्रम में बोर्ड की बैठक हर 15 दिन में और जिला स्तरीय समिति की बैठक हफ्ते में एक बार होगी। डी.एम. हर बैठक की रिपोर्ट से प्रदेश स्तरीय बोर्ड को अवगत करवाएगा।

पोर्टल की मदद से इकट्ठा होगा डाटा
सरकार ने प्रवासी मजदूरों की दक्षता को देखते हुए सेवायोजन विभाग की मदद से एक पोर्टल बनाए जाने की संस्तुति भी दी है। इसमें आयोग प्रदेश के सभी श्रमिकों की दक्षता का डाटा एकत्र करेगा, जिससे किसी औद्योगिक इकाई को श्रमिकों की जरूरत पड़े को उसे उस  उद्दोग से जुड़े श्रमिक मुहैया कराए जा सकें।

आयोग के गठन के साथ कैबिनेट में पास हुए निम्न प्रस्ताव
सरकार ने कैबिनेट बैठक में आयोग के गठन के साथ ही कई दूसरे महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और प्रोत्साहन के लिए ट्रैक्स में कुछ संशोधनों के साथ छूट दी गई है। जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।

ट्रैफिक नियमों के सख्ती से पालन के लिए बढ़ाया जुर्माना
बढ़ते सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए सरकार ने परिवहन विभाग में जुर्माने की राशि में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव पारित किया है। इसके अनुसार गलत पार्किंग पर पहली बार में 500 रूपए व दूसरी बार 1500 रूपए जुर्माना किया जाएगा। साथ ही अगर वाहन चेकिंग के समय सरकारी काम में कोई बाधा डालता है तो 2000 रुपए, गलत तथ्य छुपाकर लाइसेंस बनवाने पर 10 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। बिना हेलमेट गाड़ी चलाने पर अब 1000 रुपए जुर्माना होगा। फायर ब्रिगेड व एंबुलेस को रास्ता नहीं देने वाले पर 10 हजार रुपए का जुर्माना का प्रावधान किया गया।

शहीद परिवारों की बढ़ी सहायता राशि
कैबिनेट में शहीद परिवारों को मिलने वाली सहायता राशि को भी बढ़ा दिया गया है। अब सेना और अर्धसैनिक बलों के शहीद की पत्नी एवं आश्रितों को राज्य सरकार की तरफ से 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। पहले यह राशि 25 लाख रुपए थी।

केंद्रीय विद्यालय के लिए नि:शुल्क जमीन
मिर्जापुर के सदर तहसील के अंतर्गत आने वाले देवरी ग्राम में केंद्रीय विद्दालय बनाने के लिए सरकार ने 6.50 एकड़ मुफ्त जमीन केंद्र सरकार की दी है।
 


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Edited By

Ramkesh

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