योगी कैबिनेट की GST को मंजूरी, पूजा सामग्री, अनाज और सब्जी को अलग रखने का फैसला

punjabkesari.in Wednesday, Jun 28, 2017 - 08:55 AM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में आगामी 1 जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) लागू करने का रास्ता साफ करते हुए पूजा सामग्री, अनाज, सब्जियां जैसी मूलभूत चीजों को इससे अलग रखने का फैसला लिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने बताया कि जी.एस.टी. से खुले अनाज, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं (दवा नहीं) बिना मार्का आटा, दूध, दही, लस्सी और पनीर जैसी मूलभूत चीजों पर जी.एस.टी. नहीं लगेगा।

शर्मा ने बताया कि चीनी, चाय की पत्ती, खाद्य तेल, दूध पाऊडर, पैक्ड पनीर, सूखे मेवे, रसोई गैस, 500 रुपए मूल्य तक के जूते-चप्पल और एक हजार रुपए तक के रैडीमेड कपड़ों पर 5 प्रतिशत जी.एस.टी. लगेगा। उन्होंने बताया कि जिन व्यापारियों का वाॢषक टर्नओवर 75 लाख रुपए तक होगा उन्हें कम्पाऊंड सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके तहत व्यापारियों को एक फीसदी, उद्यमियों को 2 फीसदी और रैस्टोरैंट को 5 फीसदी कम्पाऊंङ्क्षडग सुविधा दी जाएगी।

शर्मा ने बताया कि 20 लाख रुपए से कम वार्षिक टर्नओवर वाले व्यापारियों को पंजीयन कराना अनिवार्य नहीं होगा। जी.एस.टी. में पंजीयन को काफी सरल रखा गया है। आनलाइन पंजीयन होगा। औपचारिकताएं पूरी होने पर पंजीयन 3 दिन के अन्दर हो जाएगा। 3 दिन के अन्दर विभागीय निर्णय नहीं होने पर स्वत: पंजीयन हो जाएगा।

जी.एस.टी. के तहत 3 महीने में व्यापारी को बिक्री का विवरण देना होगा जबकि वर्ष में एक बार रिटर्न दाखिल करना होगा। मंत्रिमंडल ने एक अन्य निर्णय में पंचायती राज अधिनियम 1947 में संशोधन कर न्याय पंचायतों के गठन संबंधी नियम को हटा दिया। 

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि जिन व्यापारियों के पास 30 जून तक स्टाक बचा रहेगा उन्हें भी जी.एस.टी. के आधार पर ही अगले दिन से अपना सामान बेचना होगा। उनका कहना था कि जी.एस.टी. से उपभोक्ताओं को फायदा होगा। उन्होंने दुकानदारों से 30 जून की हड़बड़ी में सामान नहीं बेचने की अपील की और कहा कि स्टाक रहने के बावजूद व्यापारियों को नुक्सान नहीं होगा।