पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण प्रस्ताव को योगी मंत्रिमंडल की मंजूरी

punjabkesari.in Wednesday, Apr 18, 2018 - 10:05 AM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे निर्माण के प्रस्ताव को आज मंजूरी देते हुए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित करने का फैसला किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में गाजीपुर से लखनऊ को जोड़ने वाले हरियाले एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए प्रस्तावित गुजारिश (आरएफपी) पर अपनी मुहर लगा दी। मंत्रिमंडल ने एक्सप्रेस-वे के निर्माण में आने वाली वित्तीय समस्यायों और उसके निराकरण की देखभाल के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति के गठन का भी फैसला किया है।

आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि गाजीपुर से लखनऊ के बीच एक्सप्रेस का निर्माण अगले तीस महीनों मे पूरा कर लिया जाएगा। आरएफपी के बाद वित्तीय और तकनीकी निवदायें आमंत्रित की जाएंगी। एक्सप्रेस-वे सूबे के चार महत्वपूर्ण धार्मिक शहरों को जोड़ेगा। इनमें सांस्कृतिक नगरी वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग 33 से जुड़ेगी, जबकि इलाहाबाद,अयोध्या और गोरखपुर को संपर्क मार्गों से एक्सप्रेस-वे में जोड़ा जाएगा।

सरकार ने साफ किया कि एक्सप्रेस-वे का निर्माण बैंक से कर्ज लेकर किया जाएगा। मुख् सचिव की अध्यक्षता वाली समिति एशियाई विकास बैंक समेत वित्तीय सहायता लेने के अन्य संभावित विकल्पों का चुनाव करेगी। प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे ने कई अड़चनों का सामना किया है। पहले केंद्र ने प्रदेश सरकार के इस प्रस्ताव को मंजूर किया मगर नीति आयोग ने उसे इस दलील के साथ खारिज कर दिया कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराए। बाद में प्रदेश सरकार ने कई राष्ट्रीयकृत बैंको से वित्तीय सहायता के बारे में बात की जिसे अधिकतर ने अपनी सहमति दे दी।

उन्होने कहा कि एक्सप्रेस-वे में सुल्तानपुर जिले के केडेबहार में 3 किमी लंबी हवाई पट्टी बनाई जाएगी जहां आपात स्थिति में लड़ाकू विमान को उतारा जा सकेगा। परियोजना की शुरूआती लागत 19437, 73 करोड रूपए आंकी गई थी जिसमें 12 हजार 70 करोड रूपए सिविल काम में खर्च किए जाने थे मगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के अनुसार अनावश्यक खर्चों को हटाया गया और इसकी प्रस्तावित लागत घटकर अब 13349, 51 करोड हो गई है।  
 

Deepika Rajput