योगी सरकार ने इंसेफेलाइटिस से मौतों की संख्‍या में भारी गिरावट का किया दावा

punjabkesari.in Monday, Sep 02, 2019 - 10:57 AM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने इस साल जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के कारण होने वाली मौतों में भारी गिरावट का दावा किया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि इस साल 27 अगस्त तक एईएस के कारण 34 लोगों की मौत हुई है, जबकि इसके 890 रोगी अस्पतालों में भर्ती किए गए हैं। इस अवधि में जापानी इंसेफेलाइटिस के कारण 4 मौतें हुई हैं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में एईएस के 3911 मरीज भर्ती किए गए जिनमें से 641 की मौत हो गई। वहीं 2017 में मरीजों की तादाद 4724 हो गई, जिनमें से 655 की मौत हो गई। वर्ष 2018 से इन आंकड़ों में गिरावट शुरू हुई। पिछले साल 3077 मरीज भर्ती हुए और मौत का आंकड़ा 248 रहा। प्रमुख सचिव ने जापानी इंसेफेलाइटिस से जुड़े मामलों का विवरण देते हुए बताया कि वर्ष 2016 में जेई की वजह से 74 लोगों की मौत हुई थी। वर्ष 2017 में भी मौतों का यही आंकड़ा रहा। वर्ष 2018 में जेई के रोगियों की संख्या और मृतकों की तादाद घटी। पिछले साल जेई की वजह से 30 लोगों की मौत हुई।

इस साल 27 अगस्त तक इस बीमारी से 4 लोगों की मौत हुई है। पूर्वांचल में इंसेफेलाइटिस उन्‍मूलन की दिशा में प्रयास कर रहे बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्‍टर आर एन सिंह ने जेई और एईएस से मौत में कमी को एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि सरकार ने पिछले साल रोकथाम को प्राथमिकता देकर ‘दस्‍तक' अभियान चलाया जिससे महामारी को रोकने में कामयाबी मिली है। उन्‍होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में इसे नियंत्रित कर लिया गया मगर बिहार, पश्चिम बंगाल, असम सहित देश के कुल 17 प्रदेशों में इसे कैसे काबू किया जाएगा? देश से इसके उन्‍मूलन के लिए राष्‍ट्रीय कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए।

 

Deepika Rajput