लखीमपुर हिंसा: रामगोविंद ने साधा निशाना, कहा- उत्पीड़क की मदद को राजधर्म मान बैठी है योगी सरकार

punjabkesari.in Wednesday, Oct 13, 2021 - 10:54 AM (IST)

बलिया: उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि पीड़ित की मदद और उत्पीड़क को सजा दिलाने के दायित्व बोध को योगी सरकार ने पलट दिया है और उसने मान लिया है कि सरकार का दायित्व उत्पीड़क की मदद और उसे बचाना है।       

चौधरी ने मंगलवार को कहा कि योगी सरकार इतिहास के पन्नों में हत्यारों, रेपिस्टों और उत्पीड़कों की मदद तथा आम आदमी के उत्पीड़न व दोहन के लिए ही याद की जाएगी। समाजवादी चिन्तक डॉ राममनोहर लोहिया को याद करते हुए उन्होंने कहा कि लखीमपुर के हृदय विदारक मामले में योगी सरकार ने संवेदनहीनता की सभी हदों को रौंद दिया। इतनी बड़ी क्रूरतम घटना में भी योगी सरकार और उनका अमला हत्यारों और साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार करने की जगह उन लोगों को रोकने तथा गिरफ्तार करने में लगा रहा जो पीड़ितों के आँसू पोछने जा रहे थे। भारी जनदबाव के बाद इस क्रूरतम किसान कुचलो काण्ड का मुख्यअभियुक्त देश के गृह राज्यमन्त्री का बेटा मन्त्री के संरक्षण में पुलिस के पास आया तो चाय पानी से स्वागत कर कानूनी कोरम पूरा किया गया। इस घटना के लिए माहौल बनाने वाले देश के गृह राज्यमन्त्री अभी तक कानून की गिरफ्त से बाहर हैं।      

उन्होंने कहा कि इस हृदय विदारक किसान कुचलो कांड में से पहले किसानों को ठीक करने का गृह राज्यमंत्री का भाषण आम हो चुका है। इसलिए उन्हें उकसाने और साजिश करने के मामले में जेल जाना ही है। आज नहीं गए तो जिस दिन अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, उस दिन जाएंगे और अपने किए की सजा भुगतेंगे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि केवल लखीमपुर के मामले में नहीं, खुद मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में यही हुआ। यहाँ शहर के मध्यस्थित एक होटल में रुके कानपुर के तीन व्यवसायियों को वहाँ की पुलिस ने चेकिंग के नाम पर पीटा और उसमें से एक व्यवसायी मनीष गुप्ता को मौत के घाट उतार दिया। साथ के दो व्यवसायियों के बच जाने से यह मामला उजागर हुआ तो योगी सरकार और उनका अमला हत्यारों को पकड़ने की जगह पीड़िता को समझाने में लग गया कि वह एफआईआर नहीं कराए। तब पीड़िता ने सपा अध्यक्ष से मदद की गुहार की। वह पीड़ित परिवार के साथ खड़े हो गए तब जाकर शासन के कान पर जू रेंगा।

यही उन्नाव, हाथरस और शाहजहाँपुर में हुआ। इन मामलों में भी योगी सरकार और उनका अमला पीड़ित अबलाओं की मदद की जगह रेपिस्टों और हत्यारों की मदद करता नजर आया। उन्होने कहा कि सूबे के किसी भी जिले में जाइए, चारो तरफ आह, आह सुनाई पड़ रहा है। किसी भी मामले का विवेचन करिए तो पता चलता है कि पुलिस उत्पीड़क के साथ खड़ी है, हत्यारे के साथ खड़ी है, रेपिस्ट के साथ खड़ी है। कोई पुलिसकर्मी इससे विपरीत आचरण करता है तो उत्पीड़क उसे पीटते हैं। एसपी तक इस पिटाई के शिकार हो चुके हैं। इंस्पेक्टर की हत्या हो चुकी है।

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Umakant yadav