योगी सरकार का बड़ा फैसला: अब यूपी में महिलाएं नाइट शिफ्ट में बेफिक्र होकर करेंगी काम, मिला सुरक्षा का सबसे मज़बूत कवच

punjabkesari.in Thursday, Nov 13, 2025 - 04:07 AM (IST)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य की कामकाजी महिलाओं के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब महिलाएं शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी। सरकार ने इसे महिलाओं के लिए “सबसे बड़ा सुरक्षा कवच” बताया है। नए नियमों के तहत, किसी भी महिला को नाइट शिफ्ट में तभी लगाया जा सकेगा, जब वह स्वयं लिखित सहमति देगी। साथ ही कारखानों, कॉर्पोरेट ऑफिसों और औद्योगिक क्षेत्रों में उनकी सुरक्षा के लिए कड़े मानक तय किए गए हैं।

सुरक्षा और सुविधा दोनों अनिवार्य
सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाली हर महिला के लिए-

  • CCTV कैमरे और सुरक्षा गार्डों की अनिवार्य तैनाती होगी।
  • सुरक्षित परिवहन और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी।
  • नाइट शिफ्ट में कोई भी महिला लगातार 6 घंटे से अधिक बिना ब्रेक के काम नहीं करेगी।
  • श्रम विभाग के अनुसार, महिलाओं की लिखित सहमति श्रम विभाग में पंजीकृत कराई जाएगी ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।


समान अवसर और दोगुनी मजदूरी
योगी सरकार ने महिलाओं के ओवरटाइम की सीमा भी 75 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे प्रति तिमाही कर दी है। इस दौरान महिलाओं को दोगुनी मजदूरी दर से भुगतान किया जाएगा। सरकार का कहना है कि यह निर्णय न केवल समान अवसर (Gender Equality) की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का भी प्रतीक है।

अब ‘खतरनाक उद्योगों’ में भी बढ़ेगी महिलाओं की भागीदारी
अब यूपी की महिलाएं उन 29 श्रेणियों के खतरनाक उद्योगों में काम कर सकेंगी, जहां पहले उन्हें केवल 12 क्षेत्रों में अनुमति थी। यह निर्णय औद्योगिक विकास, तकनीकी जरूरत और महिलाओं के कौशल विस्तार को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इससे महिलाओं को रिस्क फैक्टर वाले सेक्टरों में भी काम करने का अवसर मिलेगा — यानी अब महिलाएं कारखानों से लेकर प्रयोगशालाओं तक हर जगह अपनी क्षमता दिखा सकेंगी।

सेफ सिटी और महिला पुलिस ने बदली तस्वीर
महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार ने राज्यभर में कई स्तरों पर कदम उठाए हैं-

44,177 महिला पुलिसकर्मी राज्य में तैनात हैं।
1694 एंटी-रोमियो स्क्वॉड्स लगातार सक्रिय हैं।
1090 महिला पावर लाइन और 112 हेल्पलाइन को एकीकृत किया गया है।
17 मंडलों में सेफ सिटी प्रोजेक्ट लागू है, जिसमें स्मार्ट लाइटिंग, सर्विलांस और रैपिड रिस्पॉन्स सिस्टम शामिल हैं। महिला पुलिस अब केवल गश्त ही नहीं कर रही, बल्कि एनकाउंटर टीमों में सक्रिय भागीदारी भी निभा रही है। योगी सरकार के अनुसार, “महिला पुलिस अब महिला सुरक्षा की सबसे मजबूत ढाल है।”

महिलाओं के प्रति अपराध में दोषसिद्धि दर में यूपी अव्वल
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, महिला अपराधों में यूपी की दोषसिद्धि दर 71% है, जो राष्ट्रीय औसत 18% से कई गुना अधिक है। वर्ष 2022 में महिलाओं से जुड़े 37,551 मामलों में से 13,099 मामलों में सजा सिर्फ यूपी में हुई। यह योगी सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति का नतीजा माना जा रहा है।

महिला आत्मनिर्भरता की नई उड़ान
प्रदेश में 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जिनसे 1 करोड़ से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हैं। बैंकिंग सुविधा, प्रशिक्षण और विपणन में सहयोग के कारण महिलाएं अब आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। योगी सरकार का दावा है कि यह मॉडल देश के अन्य राज्यों के लिए महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनेगा।


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Content Editor

Mamta Yadav

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