योगी सरकार का सख्त फैसला, बीच में नौकरी छोड़ने वाले डॉक्टरों को लगेगा 1 करोड़ का जुर्माना

punjabkesari.in Saturday, Dec 12, 2020 - 04:29 PM (IST)

लखनऊ: कोरोना संकट के बीच यूपी के डॉकटरों को लेकर योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा फैसला लिया है। नए आदेश के तहत पीजी करने के बाद डॉक्टरों को कम से कम 10 साल तक सरकारी अस्पतालों में सेवा देनी होगी। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अगर कोई बीच में नौकरी छोड़ना चाहता है तो उसे एक करोड़ रुपये की धनराशि जुर्माने के तौर पर यूपी सरकार को भुगतान करना होगा।

उन्होेंने आगे बताया कि अगर कोई डॉक्टर बीच में ही पीजी छोड़ देता है तो उसे तीन सालों के लिए डिबार कर दिया जाएगा। इन तीन सालों में वो दोबारा एडमिशन नहीं ले सकते हैं।
वहीं इससे पहले शुक्रवार को देश में भर में डॉक्टरों ने हड़ताल की है, आयुर्वेद छात्रों को सर्जरी करने की। अनुमति मिलने के फैसले के खिलाफ देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल है। जानकारी के मुताबिक इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था।

डॉक्टरों का हड़ताल सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे तक की गई। क्लीनिक, डिस्पेंसरी और अस्पतालों में ओपीडी सेवा ठप रहेगी लेकिन आपातकालीन चिकित्सा और कोविड से जुड़ी उपचार सेवाएं जारी रहेंगी। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजन शर्मा ने जानकारी दी थी कि आयुर्वेद छात्रों को सर्जरी करने की अनुमति देने से सरकार मिश्रितपैथी को जन्म दे रही है। इससे आने वाले दिनों में चिकित्सा पेशा भी खतरे में पड़ सकता है। सरकार को तत्काल इस पर रोक लगानी चाहिए।

इसके अलावा इंटिग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आर पी पाराशर का कहना था आयुर्वेद ने पूरी दुनिया को सर्जरी दी है। अब अगर सरकार आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति देती है तो इसमें गलत क्या है? आयुर्वेद चिकित्सकों का यह अधिकार है जिसे सरकार ने दिलाया है। आईएमए के अनुसार देश में 10 हजार क्लीनिक, डिस्पेंसरी और अस्पतालों में डॉक्टरों की आज हड़ताल रहेगी। 

Tamanna Bhardwaj