रायबरेली के मुंशीगंज में किसान राष्ट्रीय स्मारक बनाए योगी सरकार: अतुल अनजान

punjabkesari.in Sunday, Aug 14, 2022 - 10:42 PM (IST)

लखनऊ: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) एवं किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अनजान ने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर क्रांतिकारियों और किसानों के बलिदानों को यादगार बनाने के लिए सरकार से रायबरेली के मुंशीगंज में ‘राष्ट्रीय किसान स्मारक' बनाने की मांग की है।       

अनजान ने रविवार को स्वतंत्रता दिवस सप्ताह समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ स्थित जीपीओ में काकोरी कांड के शहीदों रोशन सिंह, राम प्रसाद बिस्मिल, राजेंद्र लाहिड़ी और अशफ़ाक उल्लाह खान की मूर्ति स्थापित करने की मांग की। अनजान ने कहा कि लखनऊ में मौजूदा मुख्य डाकघर (जीपीओ) में काकोरी ट्रेन एक्शन कांड जिसमें क्रांतिकारियों ने 9 अगस्त 1925 को अंग्रेजों का खजाना लूटा था, उसका मुकदमा चलाया गया था। चारों क्रांतिकारियों को जीपीओ में ब्रिटिश सरकार ने फांसी की सजा सुनाई थी।       

अनजान ने जीपीओ पर इन शहीदों की मूर्तियां स्थापित करने की मांग करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक स्थल है। भावी पीढि़यां आजादी के उस संघर्ष की कुर्बानी को याद करेंगे। इसी प्रकार रायबरेली जिले से दूर 10 किमी दूर स्थित मुंशीगंज में उन किसानों की याद में राष्ट्रीय किसान स्मारक बनाने की मांग की जो 07 जनवरी 1921 को किसानों से अवैध टैक्स वसूलने का विरोध करते हुए अंग्रेजों की गोलीबारी में शहीद हुए थे।       

रायबरेली के मुंशीगंज में किसान नेता बाबा रामचंद्र, अमोल शर्मा एवं बाबा जानकी दास के नेतृत्व में 2000 किसान अंग्रेजी राज के अवैध टैक्स की वसूली का विरोध कर रहे थे। उन पर सई नदी के किनारे अंग्रेज डिप्टी कमिश्नर शेरिफ ने गोलियां चलाकर 750 किसानों को शहीद कर दिया था। वहां एक शिलालेख लगा है जिस पर उन शहीद किसानों के नाम है। प्रसिद्ध पत्रकार एवं प्रताप अखबार के संपादक गणेश शंकर विद्यार्थी ने इस कांड को दूसरा जलियांवाला कांड कहा था।       

अनजान ने इस गोलीकांड के 101 वर्ष पूरे होने पर मुंशीगंज में किसानों की याद में राष्ट्रीय किसान स्मारक बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी को इस विषय पर विशेष ध्यान देखकर पहल करनी चाहिए। इन दोनों स्थानों को राष्ट्रीय स्मारक बना कर ही शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है।

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Mamta Yadav