CM योगी ने की स्वच्छता अभियान की शुरुआत, मालिन बस्ती में लगाई झाड़ू

punjabkesari.in Saturday, May 06, 2017 - 12:18 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के शीर्ष 100 साफ शहरों में राजधानी लखनऊ का नाम शामिल नहीं होने को चिंता का विषय बताते हुए प्रदेश में स्वच्छता के प्रति अपनी गंभीरता दर्शाने के लिये झाडू थाम ली। मुख्यमंत्री ने लखनऊ के राम मोहन वार्ड स्थित बालू अड्डा इलाके में सड़क पर झाडू लगायी। इस दौरान उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना और कई सरकारी अफसर भी मौजूद थे। 

लखनऊ नगर निगम को दी स्वच्छता के प्रति सख्त हिदायत
योगी ने इस दौरान लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों को स्वच्छता के प्रति सख्त हिदायत देते हुए कहा कि देश के 100 साफ शहरों में लखनऊ का नाम ना होना चिंता का विषय है। उन्होंने राजधानी के हर वार्ड में व्यापक सफाई अभियान चलाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने झाडू लगाकर प्रदेश में स्वच्छता अभियान की शुरुआत करने के बाद नगर निगम के अफसरों से पूछा कि आखिर लखनऊ शहर इतना गंदा क्यों है? उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि बरसात से पहले नालियों की सारी सिल्ट (जमी हुई गंदगी) निकाली जाए। अगर एेसा नहीं होगा तो गंदा पानी उफान के साथ सड़कों पर बहेगा। हर वार्ड में सफाई अभियान चलाया जाए। लोगों से कहा जाए कि वे गंदगी को सड़कों पर ना फेंकें। 

खराब रैंकिंग पर जाहिर चिंता 
मुख्यमंत्री ने कल भी सफाई के मामले में उत्तर प्रदेश की खराब रैंकिंग पर चिंता जाहिर की थी। देश के 100 साफ शहरों में उत्तर प्रदेश का केवल वाराणसी ही शामिल है और 15 सबसे गंदे नगरों में से नौ नगर उत्तर प्रदेश के हैं। योगी ने कल कहा था कि हालांकि वह सर्वेक्षण उनकी सरकार के सत्ता में आने से पहले हुआ था, लेकिन उनकी सरकार ने आगामी दिसंबर तक 30 जिलों में और अक्तूबर 2018 तक पूरे प्रदेश में खुले में शौच पर पूर्णत: पाबंदी लगाने की दिशा में काम कर रही है। 

मलिन बस्तियों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करें मंत्री 
मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिन मंत्रियों को जिलों का प्रभारी बनाया गया है, उनका दायित्व होगा कि वे संबंधित जिले में भ्रमण के दौरान वहां की मलिन बस्तियों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करते हुए उनकी साफ-सफाई की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दें। 

सबसे गंदे शहरों की लिस्ट में उत्तर प्रदेश सबसे आगे 
मालूम हो कि हाल में घोषित ‘स्वच्छ भारत सर्वेक्षण’ के नतीजों में उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले को सबसे गंदा माना गया है। देश के 100 साफ शहरों की सूची में उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी को ही शामिल किया गया है। उसे 32वां स्थान मिला है।